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देश को आर्थिक गुलामी के रास्ते पर ले जा रही सरकार

मधेपुरा। केंद्रीय ट्रेड यूनियन का एक दिवसीय कन्वेंशन रविवार को शहर के गोशाला परिसर मे

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Oct 2017 06:06 PM (IST)Updated: Sun, 08 Oct 2017 06:06 PM (IST)
देश को आर्थिक गुलामी के रास्ते पर ले जा रही सरकार
देश को आर्थिक गुलामी के रास्ते पर ले जा रही सरकार

मधेपुरा। केंद्रीय ट्रेड यूनियन का एक दिवसीय कन्वेंशन रविवार को शहर के गोशाला परिसर में संपन्न हुआ। कन्वेंशन की अध्यक्षता करते हुए कॉ. रामचंद्र प्रसाद ने कहा कि केंद्र सरकार गरीब व मजदूर विरोधी नीतियों पर काम कर रही है। केंद्र की इन्हीं नीतियों के खिलाफ केंद्रीय ट्रेड यूनियन व सेवा महासंघ के आह्वान पर 9 नवंबर से लेकर 11 नंवबर तक महाधरना दिया जाएगा। कोसी से मजदूर यूनियन व ट्रेड यूनियन के सदस्य इस महाधरना में शामिल होने के लिए सात नवंबर को सहरसा से रवाना होंगे। वहीं कार्यक्रम में कॉ. अर¨वद शर्मा ने कहा कि देश में महंगाई, बेरोजगारी व भ्रष्टाचार चरम पर है। केंद्र की मोदी सरकार गरीब विरोधी नीतियों पर काम कर रही है। रेल, डाक,बीमा, डिफेंस, सरकारी सेवा,कोयला, स्टील आदि क्षेत्र में शत प्रतिशत विदेशी पूंजी निवेश को हरी झंडी देकर केंद्र देश को आर्थिक गुलामी के रास्ते पर ले जा रही है। मौके पर अनिल यादव, शत्रुधन यादव, नसीमउद्दीन,अरंजेश ¨सह,चंदेश्वरी मंडल, राजदा खतुन, मंजू देवी, सुभाष मल्लिक, बेचन मंडल, गो¨वद शर्मा,मु. काजिम, विरवल चौपाल,प्रमोद राम, अशोक कुमार राम,शशि भूषण ¨सह, शंभु शरण भारतीय सहित कई मौजूद थे।

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इन मांगों लेकर करेंगे आंदोलन :

- जनवितरण प्रणाली पीडीएस के सार्वजनिकीकरण द्वारा मूल्य वृद्धि पर नियंत्रण के तत्काल उपाय किया जाए

- रोजगार सृजन के ठोस उपायों से बेरोजगारी पर नियंत्रण किया जाए

- सभी मूलभूत श्रम कानूनों को बिना किसी उपवाद या छूट के सख्ती से लागू किया जाए

- श्रम कानूनों के उल्लंघन पर कड़े दंडात्मक कदम उठाए जाए

- सभी मजदूरों को सर्वव्यापी सामाजिक सुरक्षा दी जाए

- न्यूनतम वेतन कम से कम मूल्य सूचकांक के प्रावधान के साथ 18 हजार रुपये प्रतिमाह हो

- सभी कामगार आबादी के लिए सुनिश्चित रूप में पेंशन 3000 रुपये प्रतिमाह से कम न हो।

- केन्द्रीय एवं राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों पीएसयू के विनिवेशिकरण और रणनीतिक बिक्री को हो बंद

- साल भर होने वाले कामों से अनुबंधीकरण ठेकेदारी बंद हो

- सामान काम के लिए नियमित मजदूर की तरह अनुबंध मजदूर को भी समान वेतन का हो भुगतान

- बोनस और प्रोविडेंट फंड के भुगतान और पात्रता पर लगी सभी सीमा बंदियों को हटाया जाए तथा ग्रेच्यूटि की राशि बढ़ाई जाए

- ट्रेड यूनियनों द्वारा पंजीकरण अवेदन पत्र जमा किए जाने के 45 दिनों के अन्तर्गत पंजीकरण हो

- श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी संशोधन वापस लिया जाए

- रेलवे, इंश्योरेंस और डिफेंस में एफडीआई प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बंद हो


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