आपात स्थिति से निपटने के लिए कई कार्यालय में संसाधन मौजूद नहीं
मधेपुरा। अनुमंडल मुख्यालय के कई सरकारी कार्यालयों में आपात से निपटने के कोई साधन मौजूद न
मधेपुरा। अनुमंडल मुख्यालय के कई सरकारी कार्यालयों में आपात से निपटने के कोई साधन मौजूद नहीं है। जहां अग्निशमन संयंत्र है भी तो वह शोभा की वस्तु बनी हुई है। मुख्यालय के बड़े कार्यालय जहां एसडीएम और एसडीपीओ और अन्य अधिकारी बैठते हैं। वहां महज एक संयंत्र है। वह भी एक क्लर्क के कक्ष में मौजूद है। अवर निबंधन कार्यालय में एक संयंत्र है। इसकी उपयोगिता का भरोसा नहीं है। जबकि लोक शिकायत निवारण कार्यालय, अनुमंडल कोषागार कार्यालय में अग्निशमन संयंत्र लगाया ही नहीं गया है। आपात की स्थिति में फायर ब्रिगेड की टीम को ही बुलाने पर ही समस्या का समाधान संभव हो सकता है। अनुमंडल के भीड़ वाले जगह वकालतखाना में भी अग्निशमन संयंत्र नहीं है। जहां प्रतिदिन हजारों की भीड़ रहती हे। मुख्यालय के बड़े बड़े निजी भवनों व संस्थानों में तो अग्निशमन संयंत्र लगाया ही नहीं गया। जबकि अग्निशमन विभाग बिहार सरकार द्वारा हर कार्यालय और छोटे बड़े संस्थानों तथा घरों में संयंत्र लगाए जाने का निर्देश प्राप्त है। लेकिन इससे पड़े संयंत्र लगाने के प्रति अधिकारी व लोग जबावदेह नहीं दिख रहे हैं। विभाग की मानें तो लोग इसकी महत्ता को नहीं समझ पा रहे हैं। यही वजह कि आपातकाल की स्थिति में परेशानी बढ़ जाया करता है। जागरण टीम मुख्यालय के दर्जन भर कार्यालय और सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थानों का जायजा लिया। जायजा के दौरान चौक्काने वाले तथ्य सामने आया। मुख्यालय के प्रमुख किसी भी सरकारी कार्यालय में आग को बुझाने वाली संयंत्र नहीं दिखा। वकालतखाना परिसर के पड़ताल में पाया कि संयंत्र नहीं लगे हैं। जबकि वकालत खाना परिसर में हर रोज हजारों की भीड़ रहती है। पड़ताल में साफ हुआ कि कहीं संयंत्र लगा नहीं।
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सरकारी हो या गैर सरकारी कार्यालय, संस्थान, स्कूल, नर्सिंग होम, निजी विद्यालयों, घरों में संयंत्र लगाना जरूरी है। इसके लिए उन्होंने आदेश भी जारी किया। कई लोगों को नोटिस भी जारी किया। लेकिन लोग नजरअंदाज कर गए। जबकि विभाग द्वारा ऐसे में कार्रवाई का भी प्रावधान है। ददन सिंह
अग्निशमन प्रभारी
उदाकिशुनगंज, मधेपुरा