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जिले में आंधी-पानी से मक्का किसानों की 15 करोड़ की क्षति

मधेपुरा। अप्रैल व मई माह में कई बार हुई ओलावृष्टि और आंधी-बारिश की चपेट में आने से

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 May 2020 12:16 AM (IST)Updated: Sat, 23 May 2020 12:16 AM (IST)
जिले में आंधी-पानी से मक्का किसानों की 15 करोड़ की क्षति
जिले में आंधी-पानी से मक्का किसानों की 15 करोड़ की क्षति

मधेपुरा। अप्रैल व मई माह में कई बार हुई ओलावृष्टि और आंधी-बारिश की चपेट में आने से मक्का किसानों को बड़े पैमाने पर क्षति पहुंची है। कोसी के इस इलाके में किसानों के मुख्य जीविका का आधार मक्का की फसल को माना जाता है। किसान इसे कैश क्रॉप मानते हैं। लेकिन प्राकृति की मार ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 10 हजार से अधिक हेक्टेयर में मक्के की फसल नष्ट हो गई है। किसानों की क्षति का आकलन करीब 15 करोड़ माना जा रहा है। किसानों को हुई क्षति की भरपाई के लिए कृषि विभाग की ओर से फसल क्षति अनुदान दिए जाने की घोषणा की गई है। किसानों द्वारा आवेदन करने की प्रक्रिया चल रही है। फसल क्षति अनुदान को लेकर किसान 25 मई तक ऑनलाइन आवेदन कृषि विभाग के वेबसाइट पर कर सकते हैं।

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कोसी में किसानों के लिए अहम है मक्के की फसल कोसी क्षेत्र में किसानों के लिए मक्के की फसल काफी अहम मानी जाती है। किसान मक्के की फसल से ही सालों भर का खर्च निकालते हैं। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो पाया। अप्रैल व मई माह में आई आंधी के कारण बड़े पैमाने पर किसानों की फसल प्रभावित हो गई है। मालूम हो कि इस इलाके के किसान मक्का को कैश क्रॉप मानकर महाजन से कर्ज लेकर भी इस फसल में खर्च करते थे। लेकिन इस बार प्रकृति की मार ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया। आंधी-पानी किसानों के लिए बनी आफत मक्के की फसल की हुई क्षति को लेकर पूरे जिले से करीब 52 हजार किसानों ने फसल क्षति का आवेदन दिया है। मालूम हो कि जिले 38 हजार हेक्टेयर में किसान मक्के की फसल लगाते हैं। ऐसे में 52 हजार किसानों ने फसल क्षति को लेकर कृषि विभाग में ऑनलाइन आवेदन दिया है। किसानों द्वारा दिए गए आवेदन के बाद क्षति का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। लॉकडाउन में किसानों पर पड़ी मार आंधी-बारिश के बाद रही सही कसर कोरोना वायरस को लेकर लगाए गए लॉकडाउन में पूरी हो गई। आंधी-बारिश के बाद बची मक्के की फसल को किसानों ने तैयार कर लिया है। लेकिन अब किसानों को इन फसलों का खरीददार ही नहीं मिल रहे हैं। स्थिति यह है कि बीते वर्ष जहां किसानों को दो हजार रुपये से लेकर 2200 रुपये प्रति क्विंटल मक्का बिक रहा था। वहीं इस बार 900 से एक हजार रुपये प्रति क्विंटल पर भी व्यापारी किसानों से मक्का खरीदने को तैयार नहीं हैं।

आंधी बारिश के कारण जिले में मक्के की फसल प्रभावित हुई है। किसानों से इसके लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं। किसानों को हुई क्षति आवेदन से आकलन किया जा रहा है। कृषि समन्वयकों को आवेदन की जांच कर सत्यापित कर जिला मुख्यालय में भेजने का निर्देश दिया गया है। किसानों की फसल आसानी से बिके इसके लिए व्यापारी से भी बात की गई है। किसानों को किसी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी। -राजन बालन, जिला कृषि पदाधिकारी, मधेपुरा


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