बड़हिया में मिले सबसे अधिक टाइफाइड के मरीज
संवाद सहयोगी लखीसराय मुंह के द्वारा सालमोनेला टाइफी कीड़ा आंत में प्रवेश कर लोगों को
संवाद सहयोगी, लखीसराय : मुंह के द्वारा सालमोनेला टाइफी कीड़ा आंत में प्रवेश कर लोगों को टाइफाइड रोग से ग्रस्त कर देता है। टाइफाइड से ग्रस्त व्यक्ति का ससमय समुचित इलाज नहीं होने पर जान भी जा सकती है। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग के पास इसकी रोकथाम का मुकम्मल इंतजाम नहीं है। सदर अस्पताल सहित जिले के अधिकांश सरकारी अस्पतालों में टाइफाइड की जांच की व्यवस्था नहीं है।
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टाइफाइड से ग्रस्त लोगों की संख्या
जिले के तीन अस्पतालों में नौ माह के भीतर 1,289 लोगों की विडाल जांच की गई जिसमें 217 लोग टाइफाइड से ग्रस्त पाए गए। रेफरल अस्पताल बड़हिया में 933 लोगों की जांच होने पर 213 लोग टाइफाइड से ग्रस्त पाए गए। इसके अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हलसी में 300 लोगों की जांच में एक एवं पीएचसी रामगढ़ चौक में 56 लोगों की जांच में तीन लोग टाइफाइड से ग्रस्त पाए गए।
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टाइफाइड जांच की व्यवस्था वाले अस्पताल
जिले के रेफरल अस्पताल बड़हिया, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हलसी एवं प्राथमिक स्वासथ्य केंद्र रामगढ़चौक में ही विडाल जांच (टाइफाइड बुखार) की व्यवस्था है। सदर अस्पताल लखीसराय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सूर्यगढ़ा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चानन एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पिपरिया में इसकी जांच की व्यवस्था नहीं है।
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दूषित जल भोजन के सेवन से हो रहे शिकार
बरसात के दिनों में लोग दूषित जल एवं दूषित भोजन का सेवन करते हैं। खासकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के अधिकांश लोग दूषित जल एवं भोजन ग्रहण करते हैं। यही कारण है कि बाढ़ प्रभावित बड़हिया क्षेत्र में नौ माह के भीतर 213 लोग टाइफइड से ग्रस्त पाए गए। बाढ़ प्रभावित लखीसराय, सूर्यगढ़ा एवं पिपरिया में भी विडाल जांच की व्यवस्था होती तो मरीजों की संख्या और बढ़ सकती है।
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कहते हैं चिकित्सक
दूषित जल एवं भोजन के साथ सालमोनेला टाइफी वैक्टीरिया मुंह द्वारा आंत में पहुंचकर लोगों को टाइफाइड रोग से ग्रस्त करता है। टाइफाइड का ससमय समुचित इलाज नहीं होने पर जानलेवा भी हो सकता है। टाइफाइड के कारण आंत के फटने से लोगों की मौत हो सकती है। लोगों को ताजा एवं गर्म खाना का उपयोग करना चाहिए। साथ ही साफ पानी पीना चाहिए। साबुन से हाथ धोकर ही खाना चाहिए।
डा. सुरेश शरण