ट्रेन का ठहराव नहीं रहने से वीरान बना बड़हिया रेलवे स्टेशन
लखीसराय। ट्रेनों के पहिए पूरी तरह से कभी नहीं रुके। 23 मार्च 2020 को जबसे कोविड-19 को
लखीसराय। ट्रेनों के पहिए पूरी तरह से कभी नहीं रुके। 23 मार्च 2020 को जबसे कोविड-19 को लेकर पूरे देश में लॉकडाउन लगा रेलवे की यात्री गाड़ियां पूरी तरह से रुक गई थी। कोरोना के कहर के चलते पूरा रेल नेटवर्क ही ठप हो गया था। लॉकडाउन ने देश के हर हिस्से को प्रभावित किया है। न बाजारों में रौनक रही, न सड़कों पर चहल पहल। बहुत से रेलवे स्टेशन भी वीरान पड़े हैं। इसी तरह पूर्व मध्य रेलवे अंतर्गत मोकामा-किऊल रेलखंड के बीच बड़हिया रेलवे स्टेशन वीरान पड़ा है। हालांकि अन लॉक डाउन के दौरान कई रेल खंड पर कुछ स्पेशल ट्रेनें चली। पूर्व मध्य रेलवे में भी ट्रेनें चली लेकिन बड़हिया स्टेशन पर ट्रेन का ठहराव नहीं हुआ। बड़हिया रेलवे स्टेशन पर एक मात्र स्टाप मेमू ट्रेन का ठहराव है। इसपर केवल रेलवे के स्टाफ ही यात्रा करते हैं। स्टेशन पर न तो रेलगाड़ियों की शोर है और न ही यात्रियों की हलचल। ऐसा मंजर इससे पहले न देखा न सुना गया था। देर रात तक चहल पहल रहने वाला बड़हिया रेलवे स्टेशन रोड सुना-सुना है। स्टेशन रोड के दुकानदार शंकर कुमार, अजित कुमार, अनिल कुमार, राकेश कुमार, अरुण साव आदि ने बताया कि जब से लॉक डाउन लगा है। हमलोगों की दुकान बंद पड़ी है। जब तक बड़हिया स्टेशन पर ट्रेन का ठहराव नहीं होगा तब तक यात्रियों का आवागमन नहीं होगा। जब ट्रेन का ठहराव होगा तभी हमलोगों की दुकानों में ग्राहक आएंगे। फिलहाल अभी ट्रेन का ठहराव होना संभव नहीं लग रहा है। ऐसे में उन लोगों की आर्थिक व्यवस्था चरमरा गई है।