पंचायतों में कचरा घर के लिए खोजें जमीन और जल्द खरीदें डस्टबिन
सरकार के सात निश्चय पार्ट दो के तहत लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान दो के तहत जिले की 30 ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है। जहां सूचना शिक्षा और संचार के माध्यम से समुदाय को व्यवहार परिवर्तन कर गांव स्तर पर ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन पर काम होना है।
संवाद सहयोगी, लखीसराय। सरकार के सात निश्चय पार्ट दो के तहत लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान दो के तहत जिले की 30 ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है। जहां सूचना, शिक्षा और संचार के माध्यम से समुदाय को व्यवहार परिवर्तन कर गांव स्तर पर ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन पर काम होना है। इसके लिए चिह्नित पंचायतों को कई महीने पूर्व नौ करोड़ की राशि भी उपलब्ध कराई गई है लेकिन जिले में अबतक कार्य की प्रगति नगण्य है। योजना को धरातल पर उतारने एवं ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों को जागरूक करने को लेकर शनिवार को मुख्यालय स्थित मंत्रणा कक्ष में डीआरडीए डायरेक्टर राकेश रंजन ने एक बैठक की। बैठक में संबंधित पंचायत के मुखिया, पंचायत सचिव, मनरेगा पीओ एवं कनीय अभियंता मौजूद थे। ---
पंचायत के हर गांव में स्वच्छता पर होगा काम
डीआरडीए डायरेक्टर राकेश रंजन ने योजना के तहत चयनित ग्राम पंचायतों के मुखिया एवं पंचायत सचिवों को अविलंब कार्य प्रारंभ करने का निर्देश दिया। उन्होंने सभी ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधि एवं सचिवों को कचरा घर के लिए जमीन खोज कर एनओसी प्राप्त करने का निर्देश दिया। साथ ही योजना के तहत प्लास्टिक डस्टबिन, ई रिक्शा, पैदल रिक्शा आदि सामग्री का अविलंब क्रय करने को कहा। बैठक में बताया गया कि 15 वीं वित्त आयोग की राशि से डस्टबिन का क्रय किया जाना है। जबकि मनरेगा से कचरा घर का निर्माण किया जाएगा। इस पर कई ग्राम पंचायत के मुखिया ने डीआरडीए निदेशक से कहा कि पूर्व से ही मनरेगा द्वारा कराए गए कार्य का भुगतान समय पर नहीं होता है। ऐसे में मनरेगा से कचरा घर का निर्माण कराना सही नहीं होगा। ----
सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराने का निर्देश
बैठक में डीआरडीए डायरेक्टर ने जानकारी दी कि जिले में 25 सामुदायिक शौचालय निर्माण की राशि पड़ी हुई है। उन्होंने ग्रामपंचायत के मुखिया से कहा कि जिन पंचायतों में शौचालय का निर्माण कराना है, वे अविलंब उसकी सूची उपलब्ध कराएं। उन्होंने निर्देशित किया कि अगर ग्रामपंचायत के मुखिया सार्वजनिक शौचालय निर्माण में रुचि नहीं लेंगे तो संबंधित प्रखंड के बीडीओ को कार्यकारी एजेंसी बनाकर निर्माण कार्य कराया जाएगा। बैठक में उन्होंने सभी पंचायत सचिव एवं मुखिया को निर्देशित किया कि योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए वार्ड और पंचायत स्तर पर स्वच्छता कर्मियों की बहाली में पारदर्शिता बरतें। कहीं भी बिना अनुभव वाले व्यक्ति की बहाली नहीं करें।