यहां भी महिलाओं की सुरक्षा को लेकर है बड़ा खतरा
जागरण विशेष ----------- तमाम प्रयास के बावजूद दुष्कर्म की घटनाओं पर नहीं लग रहा अंकुश
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तमाम प्रयास के बावजूद दुष्कर्म की घटनाओं पर नहीं लग रहा अंकुश
ग्यारह माह के भीतर जिले की एक दर्जन महिलाओं की लूटी है अस्मत संवाद सहयोगी, लखीसराय : भारत में इन दिनों महिलाओं की सुरक्षा बड़ा मुद्दा बना हुआ है। देश की राजधानी से लेकर गांवों तक इसको लेकर बहस छिड़ी है। देश के लोग अपनी बेटियों और बहनों की सुरक्षा को लेकर चितित हैं। आश्चर्य यह है कि गलत हरकत करने वाले भी उसी समाज के होते हैं। कानूनी पेंच इतना लंबा-चौड़ा है कि ऐसे तत्वों पर कोई असर नहीं पड़ता है। सरकारें अपनी दलील देती है, विपक्ष अपना भड़ास निकालता है। बावजूद महिलाओं की सुरक्षा की गारंटी घरों से बाहर निकलने के बाद नहीं होती है। ऐसी हरकत करने वालों से लखीसराय भी अछूता नहीं है। यहां भी महिलाएं और लड़कियां सुरक्षित नहीं है। शहर के केएसएस कॉलेज के समीप निर्भया कांड एवं हैदराबाद की चिकित्सक कांड जैसी घटना को अंजाम देने का प्रयास किया जा चुका है। एक सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापक ने उसी स्कूल की शिक्षिका का यौन शोषण किया है।महिलाओं की सुरक्षा को जिला मुख्यालय में महिला थाना है। पर, साधन और संसाधन के अभाव का वहां खुद रोना रोया जाता है। ग्यारह माह के भीतर जिले में एक दर्जन दुष्कर्म की घटना हो चुकी है। ये अलग बात है कि हाल में ही एडीजे प्रथम न्यायालय के न्यायाधीश रंजीत कुमार सिंह ने दुष्कर्म का दोषी पाते हुए एक व्यक्ति को अठारह वर्ष कारावास एवं एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है। केस स्टडी एक
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गत वर्ष दुर्गा पूजा के अवसर पर स्थानीय केएसएस कॉलेज के समीप दुष्कर्म करने में नाकाम होने पर हवस के दरिदों ने एक युवती को छत से फेंक दिया। इस कारण युवती गुजर रहे विद्युत तार पर गिरकर झुलस गई। काफी दिनों तक युवती का इलाज सदर अस्पताल में हुआ। इस मामले में एक की गिरफ्तारी हुई है। केस स्टडी दो
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इस वर्ष 02 जून 19 को एक सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापक द्वारा स्कूल की एक शिक्षिका के साथ लगातार दुष्कर्म किया गया। शिक्षिका ने थाना में केस किया। बिना जेल गए ही उक्त प्रधानाध्यापक को कोर्ट से जमानत मिल गई। पुलिस की जांच जारी है। केस स्टडी तीन
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30 अक्टूबर 19 को मेदनी चौकी थाना क्षेत्र में एक मनचला ने घर में घुसकर किशोरी के साथ दुष्कर्म किया। महिला थाना में मामला दर्ज होने के बाद आरोपित को गिरफ्तार किया गया है। अब केस उठाने के लिए पीड़ित परिवार को धमकी दी जा रही है। केस स्टडी चार
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03 जुलाई 19 को सूर्यगढ़ा थाना क्षेत्र में एक मनचला युवक द्वारा एक किशोरी के साथ दुष्कर्म किया गया। महिला थाना में मामला दर्ज होने के बाद आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया है। केस स्टडी पांच
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23 जनवरी 19 को मेदनीचौकी थाना क्षेत्र में एक युवक द्वारा किशोरी के साथ दुष्कर्म किया गया। आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया है। अब पीड़ित परिवार को धमकी दी जा रही है। पुलिस के पास नहीं है पर्याप्त संसाधन व बल
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जिले के अधिकांश थाना में महिला पुलिस कर्मी नहीं है। समस्या उनके रहने के लिए सुरक्षित भवन एवं आवास नहीं है। किऊल थाना, अमहरा थाना, पीरीबाजार थाना, तेतरहट थाना एवं मेदनीचौकी थाना में महिला पुलिस कर्मी नहीं है। इस सुदूर थाने में मुख्यालय से ही महिला पुलिस जाती है। जिला मुख्यालय में महिला थाना है। यहां महिला थानाध्यक्ष सहित दो महिला सब इंस्पेक्टर एवं पांच महिला पुलिस कर्मी तैनात हैं। इसके अलावा डीएसपी हेड क्वार्टर के नेतृत्व में टॉस्क फोर्स एवं टाइगर मोबाइल का धावा दल का गठन है। पर इनकी सक्रियता सड़कों पर घटना होने के बाद ही देखी जाती है। कोट
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दुष्कर्म की कई घटना में आरोपित को सजा दिलाने के लिए स्पीडी ट्रायल चलाया जा रहा है। दुष्कर्म मामले के आरोपित को गिरफ्तार किया जा रहा है। मनचलों पर नजर रखने के लिए टाइगर मोबाइल द्वारा स्कूल-कॉलेज एवं कोचिग आदि जगहों पर गश्ती की जाती है।
- सुशील कुमार, पुलिस अधीक्षक, लखीसराय