जिला नाजिर सहित पांच लिपिकों ने अबतक नहीं किया योगदान
लखीसराय। वित्तीय वर्ष 2017-18 की समाप्ति से पूर्व 10 मार्च को जिलाधिकारी अमित कुमार ने 14 लिपिकों क
लखीसराय। वित्तीय वर्ष 2017-18 की समाप्ति से पूर्व 10 मार्च को जिलाधिकारी अमित कुमार ने 14 लिपिकों का स्थानांतरण किया था। डीएम ने सभी लिपिकों को 14 मार्च तक अपना प्रभार सौपकर नए पदस्थापन कार्यालय में योगदान करने को कहा था। डीएम के आदेशानुसार 15 मार्च से सभी स्थानांतरित लिपिक स्वत: विरमित माने जाएंगे। इन लिपिकों का मार्च माह का वेतन भी नए कार्यालय से मिलेगा। लेकिन जिलाधिकारी के आदेश के 43 दिन बीत गए अब भी जिला नाजिर सहित पांच लिपिकों ने प्रभार नहीं लिया है। ऐसे स्थानांतरित लिपिकों को काम करने में भी मन नहीं लग रहा है। जानकारी के अनुसार डीएम द्वारा लिपिकों का स्थानांतरण करने के बाद एक मात्र लिपिक रवि कुमार को छोड़कर लगभग सभी लिपिक मार्च क्लो¨जग तक नए कार्यालय में योगदान नहीं किया। नए वित्तीय वर्ष का पहला महीना भी बीतने को है। लेकिन अभी तक जिला नाजिर संजय पासवान, पिपरिया प्रखंड कार्यालय लिपिक सुमित कुमार, रामगढ़ चौक कार्यालय लिपिक शमशेर आलम, राजस्व शाखा के लिपिक सितांशु कुमार, प्रखंड कार्यालय सूर्यगढ़ा के लिपिक विजय कुमार मालाकार ने स्थानांतरित नए कार्यालय में योगदान नहीं किया है। सूर्यगढ़ा प्रखंड कार्यालय के लिपिक विजय कुमार मालाकार को जिला नाजिर बनाया गया है। लेकिन अभी तक स्थानांतरित नाजिर संजय पासवान द्वारा प्रभार नहीं दिया गया है। उधर रामगढ़ चौक प्रखंड कार्यालय के लिपिक का स्थानांतरण जिला गोपनीय शाखा में किया गया है। लेकिन उसने गोपनीय शाखा में योगदान करने में खुद को असहज महसूस करते हुए जिलाधिकारी को आवेदन देकर अन्य किसी दूसरे कार्यालय में स्थानांतरण करने की गुहार लगाई है। लिपिक शमशेर आलम ने जिलाधिकारी को लिखे आवेदन में कहा है कि इससे पूर्व भी वर्ष 2004 से 2009 तक जिला गोपनीय शाखा में प्रतिनियोजन पर कार्य किया था। इसके अलावे वह विकास शाखा एवं शस्त्र शाखा के भी प्रभार में था। दिसम्बर 2014 में तत्कालीन जिलाधिकारी मनोज कुमार ¨सह ने मौखिक रूप से लिपिक शमशेर आलम द्वारा गोपनीय शाखा की गोपनीयता भंग करने के आरोप में गोपनीय शाखा में बैठने पर प्रतिबंध लगा दिया था। ऐसे में पुन: गोपनीय शाखा में काम करने में खुद को असहज महसूस करते हुए लिपिक शमशेर आलम ने डीएम से गोपनीय शाखा से हटाकर जिले के किसी भी प्रखंड, अंचल कार्यालय में प्रतिनियोजन करने की मांग की है। उधर स्थापना उपसमाहर्ता राजेश कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी द्वारा जिन लिपिकों का स्थानांतरण किया गया था। उनमें से कुछ ने अभी तक योगदान नहीं किया है। इस मामले में संबंधित डीडीओ को पत्र भेजकर अविलंब स्थानांतरित लिपिक को विरमित करने का आदेश दिया गया है।