सूर्यगढ़ा सीएचसी के दो चिकित्सकों पर डीएम ने गिराई गाज
जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सूर्यगढ़ा में पदस्थापित दो चिकित्सक कोरोना काल में लंबे समय अपनी ड्यूटी से फरार हैं। कई बार स्पष्टीकरण के बाद भी सुधार नहीं होने पर जिलाधिकारी ने गाज गिराई है। अब दोनों चिकित्सकों के खिलाफ वैश्विक महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई होगी।
लखीसराय। जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सूर्यगढ़ा में पदस्थापित दो चिकित्सक कोरोना काल में लंबे समय अपनी ड्यूटी से फरार हैं। कई बार स्पष्टीकरण के बाद भी सुधार नहीं होने पर जिलाधिकारी ने गाज गिराई है। अब दोनों चिकित्सकों के खिलाफ वैश्विक महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई होगी। इससे संबंधित अनुशंसा जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह ने स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव से की है। डॉ. योगेंद्र कुमार दिवाकर 27 फरवरी एवं डॉ. प्रवीण कुमार सिन्हा दिनांक 19 अप्रैल 2021 से ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सूर्यगढ़ा से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित हैं। दोनों के विरुद्ध दी एपेडेमिक डिजीजेज एक्ट 1897 (वैश्विक महामारी एक्ट) के तहत कार्रवाई करने की अनुशंसा की गई है। जिलाधिकारी ने दो जुलाई को उक्त अनुशंसा करते हुए दोनों चिकित्सकों के विरुद्ध कठोर टिप्पणी की है। अनुशंसा पत्र में डीएम ने कहा है कि सिविल सर्जन लखीसराय ने प्रतिवेदित किया है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सूर्यगढ़ा के डॉ. योगेन्द्र कुमार दिवाकर एवं डॉ. प्रवीण कुमार सिन्हा अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित हैं। उक्त दोनों चिकित्सा पदाधिकारियों का लंबी अवधि तक अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहना उनके मनमानेपन, कर्तव्यहीनता एवं अनुशासनहीनता को परिलक्षित करता है। इसलिए उक्त दोनों चिकित्सा पदाधिकारियों के विरुद्ध दी एपेडेमिक डिजीजेज एक्ट 1897 के तहत कार्रवाई की जाए। विभागीय पदाधिकारी के अनुसार उक्त एक्ट के तहत कार्रवाई होने पर दोनों चिकित्सकों के विरूरुद्ध विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ मामला भी दर्ज कराया जा सकता है। विदित हो कि उक्त दोनों चिकित्सक कोरोना काल में भी ड्यूटी से फरार हैं। इस दौरान डीएम के निरीक्षण में भी कई बार दोनों चिकित्सक अनुपस्थित पाए गए। बार-बार स्पष्टीकरण मांगे जाने के बाद भी उनमें कोई सुधार नहीं हुआ। उधर जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह ने बताया कि कार्रवाई की भनक लगते ही डॉ. योगेन्द्र कुमार दिवाकर ने एक जून को एवं डॉ. प्रवीण कुमार सिन्हा ने दो जून को सूर्यगढ़ा सीएचसी में योगदान कर लिया उसके बाद फिर फरार हो गए। दो जून को जब उन्होंने अस्पताल का निरीक्षण किया तो दोनों चिकित्सक फरार मिले।