विश्वनाथ सिंह हत्याकांड में दस वर्ष की सश्रम कारावास
लखीसराय। गुरुवार को स्थानीय लखीसराय कोर्ट में एफटीसी द्वितीय न्यायालय के जज विश्वनाथ प्रसाद ने सत्रव
लखीसराय। गुरुवार को स्थानीय लखीसराय कोर्ट में एफटीसी द्वितीय न्यायालय के जज विश्वनाथ प्रसाद ने सत्रवाद संख्या 494/11, लखीसराय थाना कांड संख्या 345/07 हत्या के एक मामले में आरोपित अभियुक्त सामनडीह निवासी विपिन ¨सह को दस वर्ष का सश्रम कारावास एवं दस हजार रुपये का जुर्माना एवं हत्या कर साक्ष्य छिपाने के आरोप में सात वर्ष का सश्रम कारावास सुनाई है। दोनों सजा साथ-साथ चलेगी। अपर लोक अभियोजक रामविलास शर्मा ने इसकी जानकारी दी है।श्री शर्मा ने बताया कि 22 जुलाई 2007 की रात 9 बजे सामनडीह निवासी रामनंदन ¨सह अपने पुत्र विश्वनाथ ¨सह के साथ अपने घर के दरवाजे पर बैठे हुए थे। उसी समय आठ नामजद व चार अज्ञात व्यक्ति ने राइफल के बल पर विश्वनाथ ¨सह का जबरन अगवा कर लिया था। दूसरे दिन रामनंदन ¨सह ने लखीसराय थाना में घटना की जानकारी दी। एक सप्ताह बाद गांव के बहियार से विश्वनाथ ¨सह का शव मिला। अपर लोक अभियोजक श्री शर्मा ने बताया कि इस हत्याकांड में एकमात्र अभियुक्त विपिन ¨सह के खिलाफ विचारण चल रहा था। इस मामले में कोर्ट ने दो अलग-अलग सजा सुनाते हुए धारा 364 मामले में 10 वर्ष एवं धारा 201 में सात वर्ष का सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। साथ ही दस हजार रुपये का जुर्माना किया गया है। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता रमेश प्रसाद ¨सह बहस में शामिल हुए। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक रामविलास शर्मा थे।