लॉकडाउन देखना हो तो बिल्ली गांव कर रहा वेलकम
लखीसराय । लोगों की एक धारणा रही है कि ग्रामीण अंचल में जागरूकता का अभाव होता है। वहां
लखीसराय । लोगों की एक धारणा रही है कि ग्रामीण अंचल में जागरूकता का अभाव होता है। वहां किसी सिस्टम को पटरी पर लाने की चुनौती होती है। पर, हलसी प्रखंड की मोहद्दीनगर पंचायत की बिल्ली जाकर आपको अपनी यह धारणा बदलनी होगी। इस गांव में लॉकडाउन का पालन करने के लिए किसी पदाधिकारी या जनप्रतिनिधि को पहल करने की जरूरत नहीं पड़ी। पूरा प्रशासनिक कुनबा जिला मुख्यालय एवं प्रखंड मुख्यालय में लॉकडाउन लागू कराने में अपना पसीना बहा रहा है। वहीं इस गांव के ग्रामीणों के बुलंद हौसले के कारण कोरोना संक्रमण की नो इंट्री है। अनुसूचित जाति, पिछड़ी एवं अति पिछड़ी जाति के साथ अल्पसंख्यक समुदाय के लोग इस गांव में निवास करते हैं। यहां की जनसंख्या करीब एक हजार से कुछ अधिक है जो तीन टोले में विभाजित है। ग्रामीणों पर सरकार और प्रशासन की अपील का खूब असर है। बेवजह लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं। सड़क किनारे बैठकी, चौपाल आदि बंद है। बाहर से गांव आने वाले लोगों को समझाया जाता है कि मास्क लगाकर अपने घर में ही कुछ दिनों तक रहें। इसका परिणाम ही है कि इस पंचायत के अन्य कई गांव में कोरोना का संक्रमण है लेकिन यहां के लोग सुरक्षित हैं। ग्रामीण खेतीबाड़ी में मशगूल रहकर कोरोना की चर्चा तक नहीं करते हैं। इससे इस महामारी के खौफ से सबलोग अलग हैं।
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जानिए ग्रामीणों की बात
ग्रामीण रामनरेश यादव, सियाराम यादव, सहदेव यादव, पुनीत यादव, केदार यादव, गाजो यादव, अमीरक पासवान, सहदेव पासवान, अशोक रजक, दीना रजक, शकिचंद रजक, रामवृक्ष साव, विदेश्वरी साव, रामचरण साव ने बताया कि पिछले साल से कोरोना संक्रमण के कारण गांव में विष्णु पुराण महायज्ञ के आयोजन को बंद कर दिया गया। गांव में किसी प्रकार की भीड़ नहीं हो इस कारण ऐसा निर्णय लिया गया ताकि कोरोना की चेन को गांव आने से रोका जा सके। गांव में किसी भी व्यक्ति को सर्दी, खांसी, बुखार होने पर इलाज के लिए हम सभी ग्रामीण सुरक्षित स्थान का चयन करते हैं। अब तक कोरोना संक्रमण की शिकायत सामने नहीं आई है।