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गोशाला में गोपाष्टमी पर गौ माता की हुई पूजा

लखीसराय। शहर के नया बाजार स्थित गोशाला जहां गोपाष्ठमी के मौके पर कभी मेला लगता था। पूरे

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 05:40 PM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 05:40 PM (IST)
गोशाला में गोपाष्टमी पर गौ माता की हुई पूजा
गोशाला में गोपाष्टमी पर गौ माता की हुई पूजा

लखीसराय। शहर के नया बाजार स्थित गोशाला जहां गोपाष्ठमी के मौके पर कभी मेला लगता था। पूरे उत्साह के साथ गौ माता की पूजा की जाती थी। शहर में जुलूस निकाल कर गोशाला की गाय की घर-घर में लोग पूजा करते थे। लेकिन गुरुवार को पूरा गोशाला परिसर वीरान पड़ा था। शायद किसी को यह भी पता नहीं था कि आज गोपाष्टमी है। बस कुछ स्थानीय गो भक्त एवं गोशाला ट्रस्ट के ट्रस्टी ने गोशाला पहुंच कर गौमाता को चारा खिलाया, पूजा की, आरती उतारी। यह हाल तब है जब पदेन एसडीओ की अध्यक्षता में लखीसराय चैरिटेबल गोशाला सोसाइटी गोशाला संचालित है। इस सोसाइटी से शहर के कई गणमान्य लोग जुड़े हैं। एसडीओ भी मुख्यालय से बाहर थे। गोशाला ट्रस्ट के सचिव श्याम सुंदर टिवरेवाल, कोषाध्यक्ष राजेन्द्र ¨सघानियां, डॉ. श्याम सुंदर प्रसाद ¨सह, संजय ¨सघानियां, गोशाला के मैनेजर रघुनंदन जोशी, गो भक्त सुमित ड्रोलिया, हीरामणि ¨सघानियां, प्रीति जोशी, विकास कुमार, बड़ी दुर्गा मंदिर समिति के मंत्री देवनंदन प्रसाद, अनिल कुमार साहू, सुशील टिवरेवाल, ओमप्रकाश, बच्चु साव आदि ने

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गोशाला पहुंच कर सामूहिक रूप से गोशाला की गाय कृष्णा, कावेरी, गायत्री, द्रोपदी, कौशल्या, गंगोत्री, मंदोदरी, शिवानी आदि गौ माता की पूजा कर आरती उतारी। इस तरह गोपाष्टमी की रस्म पूरी हुई। धूमधाम से मनाई जाने वाली गोपाष्टमी पर इतनी उदासी क्यों के सवाल पर ट्रस्टी राजेन्द्र ¨सघनियां ने कहा कि गोशाला ट्रस्ट के अध्यक्ष सह एसडीओ ने भी गोपाष्टमी पूजा में आने की बात कही थी। लेकिन प्रशासनिक व्यस्तता के कारण कार्यक्रम में नहीं आ सके। उधर गोपाष्टमी पर गोशाला की गाय के घर-घर नहीं घूमने और जुलूस नहीं निकलने से स्थानीय लोग भी मायूस थे। गो भक्तों ने बताया कि पहले गोपाष्टमी मनाने के लिए बैठक होती थी। मेला लगता था और जुलूस निकलता था। लेकिन अब सब कुछ खत्म हो गया है। उधर गोशाला के मैनेजर रघुनंदन जोशी ने बताया कि अभी गोशाला में कुल 104 जानवर हैं जिसमें 36 दुधारू गाय, 30 अनुपयोगी गाय, चार साढ़, दो बैल एवं 28 बछड़ा है। प्रतिदिन दो ¨क्वटल दूध होता है।


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