दीपावली पर खुशियां मनाएं, पटाखे जलाते समय बरतें सावधानी
संवाद सहयोगी लखीसराय रोशनी के पर्व दीपावली पर आतिशबाजी करने के दौरान छोटी-छोटी सा
संवाद सहयोगी, लखीसराय : रोशनी के पर्व दीपावली पर आतिशबाजी करने के दौरान छोटी-छोटी सावधानी बरत कर खुद को हादसों से बचाया जा सकता है। इसी के साथ जलने या पटाखा हाथ में फटने की स्थिति में जल्द प्राथमिक चिकित्सा का उपाय कर खुद को सुरक्षित कर सकते हैं। दीपावली पर पहले से अलर्ट होकर तैयारी करने से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है। इसलिए खुशियों के इस पर्व में कुछ खास एहतियात भी बरतनी चाहिए जिससे कि अक्सर हर साल होने वाली कुछ दुर्घटना से बची जा सके दीपावली के समय ज्यादातर दुर्घटना लापरवाही और अनजान अज्ञान की वजह से होते हैं। अगर हम ठीक से ध्यान दें और थोड़ी सावधानी बरतें तो कई दुर्घटनाओं को टाला जा सकता है।
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पटाखा जलाते समय बढ़ते यह सावधानी
- पटाखे खुले मैदान में ही छोड़ें। - राकेट और गुरुकुन हमेशा ऊपर की ओर ही छोड़ें। - पटाखे जलाते समय सूती कपड़े ही पहनें। - पटाखे चलाने के दौरान पानी के साथ ही बालू मिट्टी का भी इंतजाम करें। - पटाखों में आग दूर से ही लगाएं, चिगारियां छोड़ने वाले पटाखों के पास नहीं जाए। - पटाखे जलाते समय जूते पहने, जो पटाखा ना फूटे उस पर पानी या मिट्टी डाल दें। - पटाखे जलाते समय बच्चों पर नजर रखें, बच्चे पटाखे हाथ में रखकर न छोड़ें और न ही पटाखे जलाकर किसी के ऊपर फेंक दें। ----
डाक्टर की सलाह
प्रसिद्ध हड्डी एवं नस रोग विशेषज्ञ डाक्टर आलोक कुमार ने बताया कि पटाखों से जलने के बाद शरीर पर स्याही या कोलगेट का प्रयोग नहीं करना चाहिए। जलने के स्थान पर नल का पानी तब तक डालना चाहिए जब तक जलन कम ना हो जाए। डा. आलोक कुमार ने बताया कि आंख में पटाखा या धुआं चले जाने पर रगड़ना नहीं चाहिए। आपको 10 मिनट तक पानी से धोना चाहिए। उन्होंने बताया कि पटाखों से निकलने वाला धुआं काफी हानिकारक होती है। इससे आंखों की रोशनी तक जा सकती है। खासकर हृदय रोगियों को ज्यादा आवाज वाले पटाखों से दूर रहना चाहिए। सांस की बीमारी वाले मरीजों को भी पटाखों से परहेज करना चाहिए।
फोटो : 31 एलएचके 18
डा. आलोक कुमार, हड्डी एवं नस रोग विशेषज्ञ।