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प्रवासियों के भोजन व आवासन पर खर्च हुआ 55 लाख

लखीसराय । जिले में पहुंच रहे प्रवासियों को आपदा राहत केंद्र एवं क्वारंटाइन सेंटर पर भोजन

By JagranEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 07:56 PM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 07:56 PM (IST)
प्रवासियों के भोजन व आवासन पर खर्च हुआ 55 लाख
प्रवासियों के भोजन व आवासन पर खर्च हुआ 55 लाख

लखीसराय । जिले में पहुंच रहे प्रवासियों को आपदा राहत केंद्र एवं क्वारंटाइन सेंटर पर भोजन, आवासन से लेकर अन्य आवश्यक सुविधा का पूरा ख्याल रखा गया है। प्रवासियों की मेहमानबाजी में आपदा प्रबंधन विभाग ने भी खजाना खोल दिया है। प्रवासियों के भोजन और आवासन पर अबतक जिले में 55 लाख रुपये की राशि खर्च की गई है। इसमें 20 लाख 12 हजार 500 रुपये की राशि प्रवासियों के बीच वितरण किए गए डिग्निटी किट पर खर्च हुई है। 35 लाख रुपये की राशि नाश्ता व भोजन पर खर्च हुई है। यह अलग बात है कि जिले के अधिकांश क्वारंटाइन सेंटर पर खूब शिकायतें मिल रही है। लेकिन जिले के सभी सीओ ने प्रवासियों के स्वागत में खर्च राशि का जो हिसाब आपदा प्रबंधन विभाग को दिया है उसके अनुसार परदेस से लौटकर घर आए प्रवासियों की मेहमानबाजी में कोई कमी नहीं रही। क्वारंटाइन सेंटर पर खर्च हो रही राशि का गणित यह है कि एक प्रवासी पर 14 दिनों के क्वारंटाइन पर सरकार औसतन तीन हजार रुपये खर्च कर रही है। एक मई से 29 मई तक लखीसराय जिले में देश के विभिन्न राज्यों से 9,725 प्रवासी लौट कर आए। इसमें 7,108 प्रवासियों को जिले के विभिन्न क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया। 125 रुपये हर रोज भोजन पर हो रहा खर्च

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क्वारंटाइन सेंटर पर 14 दिन के लिए लाए गए प्रवासी पर औसत 125 रुपये प्रतिदिन खर्च का प्रावधान है। इसमें 50 रुपये दिन और 50 रुपये रात के भोजन का खर्च तय है। जबकि 25 रुपये नाश्ते के मद में खर्च है। इस तरह से 14 दिनों में एक प्रवासी पर भोजन व नाश्ते पर 1,750 रुपये खर्च हो रहा है। इसकी पूरी व्यवस्था सीओ को दी गई है। जिले के सभी अंचलों के सीओ ने आपदा प्रबंधन विभाग को अबतक जो रिपोर्ट दी है उसके अनुसार सेंटर पर आए प्रवासियों को भोजन और नाश्ता कराने में 35 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं।

लुंगी, गमछी, गंजी व बर्तन के लिए दिए जा रहे 850 रुपये

क्वारंटाइन सेंटर पर पहुंचे सभी प्रवासियों को डिग्निटी किट भी दिया जा रहा है। उसमें पुरुषों के लिए गंजी, महिलाओं के लिए साड़ी, बच्चों के लिए कपड़े का प्रावधान है। इसके अलावे उन्हें बाल्टी, मग एवं एक व्यक्ति के खाने में जितनी संख्या में बर्तनों का इस्तेमाल होता है। उसके लिए 850 रुपये का बजट है। इसके अलावे एक व्यक्ति पर दरी, मच्छरदानी, बिछावन मद में 400 रुपये खर्च किए जाने का प्रावधान है। इस तरह भोजन व नाश्ते के 1750 , डिग्निटी किट का 850 और 400 रुपये को जोड़ दें तो यह तीन हजार रुपये होती है। जिले में अबतक इस मद में 20 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं।

कोट

जिले में जितने भी प्रवासियों को क्वारंटाइन सेंटर पर आवासित किया गया है उन सभी को सरकारी निर्देश के अनुसार भोजन, आवासन, डिग्निटी किट आदि की सुविधा दी जा रही है। इस मद में सीओ द्वारा जो भी राशि खर्च की जा रही है उसका अनुश्रवण सभी प्रखंडों के वरीय पदाधिकारियों द्वारा किया जा रहा है। जिलाधिकारी के अलावे अपर समाहर्ता स्तर से भी खर्च राशि की उपयोगिता की समीक्षा की जा रही है। सभी क्वारंटाइन सेंटर की हर रोज जिलाधिकारी द्वारा समीक्षा की जा रही है। ब्रजेश विकल, ओएसडी, डीएम, लखीसराय


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