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प्रभार में चल रहा परिवहन कार्यालय, अधिकारियों के आने केइंतजार में रहते लोग

यातायात नियम को सुचारू रख परिवहन के कामकाज के निष्पादन के लिए जिले में बना परिवहन कार्यालय प्रभार में ही चल रहा है। डीटीओ एमवीआइ से लेकर प्रधान लिपिक तक प्रभार में चल रहे हैं। कर्मियों के भरोसे ही कार्यालय का संचालन होता है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 May 2022 06:44 PM (IST)Updated: Thu, 19 May 2022 06:44 PM (IST)
प्रभार में चल रहा परिवहन कार्यालय, अधिकारियों के आने केइंतजार में रहते लोग
प्रभार में चल रहा परिवहन कार्यालय, अधिकारियों के आने केइंतजार में रहते लोग

जागरण संवाददाता, किशनगंज : यातायात नियम को सुचारू रख परिवहन के कामकाज के निष्पादन के लिए जिले में बना परिवहन कार्यालय प्रभार में ही चल रहा है। डीटीओ, एमवीआइ से लेकर प्रधान लिपिक तक प्रभार में चल रहे हैं। कर्मियों के भरोसे ही कार्यालय का संचालन होता है। डीटीओ और एमवीआइ तीन कार्य दिवस में किशनगंज परिवहन कार्यालय में समय देते हैं इसके अलावा अन्य जिले में कार्यरत रहते हैं। पदाधिकारी के नहीं रहने के कारण सभी कर्मियों के समय पर आने और जाने का कोई निर्धारित समय नहीं रहता है। ऐसे में कामकाज के लिए लोगों को अधिकारियों से लेकर कर्मियों तक का इंतजार करना पड़ता है। गुरुवार को दैनिक जागरण की टीम आन द स्पाट अभियान के तहत परिवहन विभाग का जायजा लिया तो 11:10 बजे तक अधिकारियों का चैंबर खाली था, वहीं कई कर्मी भी गायब दिखे। कई कर्मी समय से कामकाज करते भी दिखे। लेकिन महत्वपूर्ण कामकाज का पद रखने वाले कर्मी नदारद थे।

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अभियान के तहत टीम के सदस्य 10:50 बजे परिवहन कार्यालय पहुंचे। कार्यालय में सन्नाटा पसरा हुआ था। अंदर प्रथम तल पर बने ड्राइविग लाइसेंस, चालान कटने वाले सहित अन्य कामकाज के लिए बने काउंटर पर 10:55 बजे दो कुर्सी को छोड़कर अन्य पर कर्मी कामकाज में लगे दिखे। काउंटर पर कोई लोग नहीं दिखे। प्रोग्रामर का कार्यालय भी 11:00 बजे के बाद तक खाली था। वहीं डीटीओ के चैंबर में भी कोई नहीं दिखे। उससे ऊपर के तल पर 11:00 बजे एमवीआइ का चैंबर खाली था और बगल में बने मोबाइल टीम का कार्यालय पूरा खाली पड़ा था। बाहर दो व्यक्ति एमवीआइ के आने के इंतजार में थे, ताकि वह अपना कामकाज करा सके। 11:10 बजे तक ना तो एमवीआइ पहुंचे और ना ही मोबाइल टीम के कोई सदस्य। उसी तल पर बने प्रधान लिपिक के कार्यालय में भी सन्नाटा पसरा हुआ था। पूछने पर पता चला कि प्रधान लिपिक भी प्रभार में चल रहे हैं। कार्यालय में प्रोग्रामर 11:20 बजे कार्यालय पहुंचते दिखे। इसके अलावा 11:30 बजे तक अधिकारी का चैंबर और कर्मियों का कुर्सी खाली पड़ा था। लोग कामकाज के लिए पहुंच रहे थे। प्रभार के कारण कामकाज होता है बाधित::

परिवहन विभाग के प्रभार में चलने के कारण जिले में परिवहन संबंधित कई कामकाज बाधित होता है। इसका फायदा स्थानीय स्तर पर सक्रिय ओवरलोड, इंट्री कराने वाले दलालों की चांदी रहती है। अधिकारी के नहीं रहने और आने पर कार्यालय के कामकाज में व्यस्त होने के कारण जिले में ओवरलोड और इंट्री का खेल चरम पर है। इसे देखने वाला कोई नहीं है। वहीं परिवहन विभाग द्वारा जारी कई गाइडलाइन का जिले में पालन नहीं हो पाता है और परिवहन व्यवस्था भगवान भरोसे चल रहा है।


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