राशि निकासी के बाद भी नहीं हुआ मनरेगा योजना का पूरा कार्य
सरकार असंगठित श्रमिकों का पलायन रोकने के मकसद से मनरेगा योजना चला रही है लेकिन कोचाधामन प्रखंड क्षेत्र में यह योजना अपने मकसद से भटक गई है। इसका एक उदाहरण कोचाधामन प्रखंड के मजगामा पंचायत के परिहालपुर नदी पार में मनरेगा के तहत किए गए योजना संख्या 60/2020 - 21 है।
संवाद सूत्र कोचाधामन (किशनगंज) : सरकार असंगठित श्रमिकों का पलायन रोकने के मकसद से मनरेगा योजना चला रही है, लेकिन कोचाधामन प्रखंड क्षेत्र में यह योजना अपने मकसद से भटक गई है। इसका एक उदाहरण कोचाधामन प्रखंड के मजगामा पंचायत के परिहालपुर नदी पार में मनरेगा के तहत किए गए योजना संख्या 60/2020 - 21 है। धरातल पर कार्य नदारद है। लेकिन कार्य स्थल पर लगे बोर्ड कार्य पूर्ण बता रहा है।
कार्यस्थल पर लगे बोर्ड में शाहिद के घर से नदी किनारे तक मिट्टी भराई एवं पीसीसी कार्य दर्शाया गया है, लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां कर रहा है। पीसीसी का कार्य तो हुआ नहीं है लेकिन कार्य स्थल पर 15 से 20 ट्रैक्टर मिट्टी डालने की बात ग्रामीण कर रहे हैं। जबकि कार्य स्थल पर लगे बोर्ड में प्राक्कलन राशि एक लाख 69 हजार 852 रुपये एवं श्रम राशि एक लाख 60 हजार 438 रुपये की लागत से मिट्टी भराई एवं पीसीसी कार्य अंकित किया गया है। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि 15 से 20 ट्रैक्टर मिट्टी भराई कर बोर्ड लगा कर छोड़ दिया गया है। इस संदर्भ में मजगामा पंचायत के पूर्व सरपंच अंसार आलम का कहना है कि पंचायत में मनरेगा योजना में बीते तीन चार सालों में काफी लूट हुई है जो जांच का विषय है। जबकि पंचायत में वर्तमान में शुरू किए गए मनरेगा योजना के कार्य में कहीं भी कार्य स्थल पर बोर्ड नहीं लगाया गया है। जबकि नियमानुसार कार्य शुरू करने से पहले कार्य स्थल पर बोर्ड लगाना अनिवार्य है। पूर्व सरपंच ने इसे लेकर जिला पदाधिकारी से जांच की मांग किया है। इस संदर्भ में जिला परिषद सदस्य नासिक नादिर ने कहा कि लोगों की सूचना पर मैंने स्थल जांच किया जिसमें किसी तरह का कोई कार्य नहीं किया गया है जो जांच का विषय बनता है। वहीं कोचाधामन प्रखंड के सुंदरबाड़ी पंचायत में भी मनरेगा योजना में हुई गड़बड़ी को लेकर बीते दिनों पूर्व जदयू प्रखंड अध्यक्ष सकेब आलम ने पीओ मुश्तफा जमाल को एक ज्ञापन सौंपा है। इस संदर्भ में पीओ मुश्तफा जमाल ने बताया कि मामले की जांच पड़ताल की जाएगी।