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नशे के सौदागरों के बीच होती वर्चस्व की लड़ाई

अंतरराष्ट्रीय और अंतरराज्यीय सीमा से घिरा किशनगंज शहर सहित आसपास के इलाके को नशे के सौदागरों ने महफूज ठिकाना बना लिया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Nov 2021 11:17 PM (IST)Updated: Mon, 15 Nov 2021 11:17 PM (IST)
नशे के सौदागरों के बीच होती वर्चस्व की लड़ाई
नशे के सौदागरों के बीच होती वर्चस्व की लड़ाई

संवाद सहयोगी, किशनगंज: अंतरराष्ट्रीय और अंतरराज्यीय सीमा से घिरा किशनगंज शहर सहित आसपास के इलाके को नशे के सौदागरों ने महफूज ठिकाना बना लिया है। टाउन थाना क्षेत्र का इलाका धीरे-धीरे नशीले पदार्थों के डंपिग जोन में तब्दील हो रहा है।

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धंधे में मोटी कमाई को देखकर शहर के कई युवा नशीले पदार्थों की तस्करी करने लगे हैं। इन पदार्थो में गांजा, शराब सब शामिल हैं। इन युवाओं को स्थानीय सफेदपोशों का वरदहस्त प्राप्त है। स्थानीय युवाओं के धंधे में शामिल होने के बाद अब तस्कर गुटों में विभक्त हो गए हैं। नतीजतन अब इनके बीच वर्चस्व की लड़ाई भी प्रारंभ हो गई है। हाल के दिनों में फरिगगोड़ा चेकपोस्ट के समीप पुलिस के द्वारा 599 किलो गांजा जब्त किए जाने का मामला भी वर्चस्व की लड़ाई का ही परिणाम है। विरोधी गुट को चोट पहुंचाने के उद्देश्य से दूसरे पक्ष ने त्रिपुरा से तस्करी कर लाए जा रहे गांजा की सूचना पुलिस को दी थी। पुख्ता सूचना के आधार पर पुलिस ने छापेमारी कर गांजा की खेप के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया था। हालांकि, तस्कर ने पुलिस को चकमा देने के लिए ट्रक में नकली नंबर प्लेट लगा लिया था। लेकिन पुख्ता सूचना के कारण पुलिस की नजरों से बच ना सका। घटना के बाद अब विरोधी गुट भी बदला लेने की फिराक में लग गया है। स्थानीय खगड़ा के दो गुटों के बीच वर्चस्व की लड़ाई का फायदा पुलिस को मिल रहा है। लेकिन स्थानीय लोग वर्चस्व की लड़ाई को खूनी खेल में बदलने की आशंका से अभी से भयभीत हो गए हैं।


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