नई शिक्षा नीति लाएगा क्रांतिकारी बदलाव : डॉ. रामनरेश
किशनगंज। शिक्षा के क्षेत्र में समय के अनुसार बदलाव लाना जरूरी है। ताकि विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण क
किशनगंज। शिक्षा के क्षेत्र में समय के अनुसार बदलाव लाना जरूरी है। ताकि विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने के बाद अपने सपनों को साकार करने के साथ करियर को भी उड़ान दे सके। यह बातें गुरुवार को चकला स्थित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान डायट के सभागार में भारतीय शिक्षण मंडल उत्तर बिहार प्रांतीय कार्यकारिणी सदस्य डॉ. रामनरेश भक्त ने कही।
नई शिक्षा नीति पर आयोजित सेमिनार का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन करने के बाद उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति को 5, 3, 3, 4 का रूप दिया गया है। इस नीति में विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ व्यवसायिक प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की गई है। छठी, सातवीं और आठवीं के विद्यार्थियों को किताबी शिक्षा के साथ वोकेशनल ट्रेनिग दिए जाएंगे। नौवीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं के विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ मल्टीपल एटीट्यूट संबंधित प्रशिक्षण देने की व्यवस्था होगी, जिसमें 40 क्रेडिट के परीक्षा लेने के साथ वोकेशनल एजुकेशन पर जोर दिया गया है। साथ ही फॉरेन लैंगवेज की भी पढ़ाई होनी है।
नई शिक्षा नीति के तहत स्नातक की पढ़ाई एक वर्ष पूरा करने के बाद जो विद्यार्थी पढ़ाई छोड़ देंगे, उन्हें स्नातक उत्तीर्ण की डिग्री मिलेगी। दो वर्ष की पढ़ाई पूरी कर छोड़ने वाले विद्यार्थी को स्नातक डिप्लोमा की डिग्री मिलेंगे। स्नातक तीन वर्ष की पढ़ाई पूरा करने वाले विद्यार्थी को ग्रेजुएट की डिग्री मिलेगी। चार वर्ष में ऑनर्स की डिग्री मिलेगी। जो विद्यार्थी ऑनर्स करेंगे, उन्हें पीजी करने में एक वर्ष लगेगा। प्राइवेट स्कूलों की जांच कर तीन ग्रेड में बांटा जाएगा। इस ग्रेड के आधार पर प्राइवेट स्कूलों के फीस तय होंगे। इस दौरान मुख्य रूप से डीईओ सुभाष कुमार गुप्ता, डायट प्राचार्य शौकत अली, संजय कुमार सिंह, महताब रहमानी, अरशद आजम फारुकी, नजीर हयात, आरिफ हुसैन, इन्हेसार राही, नजीर हयात, कुमारी गुड्डी सहित अन्य शिक्षकगण मौजूद रहे।