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धूर्त इंजीनियर एक साथ कर रहा था तीन-तीन नौकरी, भांडा फूटते ही मिली सजा

बिहार सरकार के तीन विभागों में एक इंजीनियर एक साथ नौकरी कर रहा था। इसका भांडा फूटते ही वह फरार हो गया था। फिर उसने कोर्ट में सरेंडर किया और अब उसे पुलिस ने रिमांड पर लिया है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Sat, 07 Sep 2019 06:03 PM (IST)Updated: Sat, 07 Sep 2019 08:09 PM (IST)
धूर्त इंजीनियर एक साथ कर रहा था तीन-तीन नौकरी, भांडा फूटते ही मिली सजा
धूर्त इंजीनियर एक साथ कर रहा था तीन-तीन नौकरी, भांडा फूटते ही मिली सजा

किशनगंज, जेएनएन। एक साथ तीन विभागों में नौकरी कर सरकार को चूना लगा रहे सुरेश राम को पुलिस ने एक दिन की रिमांड पर ले लिया। शुक्रवार सुबह उसे जेल से टाउन थाना लाया गया। अनुसंधान कक्ष के बंद कमरे में उनसे लगातार पूछताछ की जा रही है। दोपहर बाद एसपी कुमार आशीष ने भी टाउन थाना पहुंच कर सुरेश राम से लंबी पूछताछ की।

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सूत्रों की मानें तो पूछताछ के दौरान सुरेश राम ने धोखाधड़ी से संबंधित कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। जिसे सुनकर पुलिस भी चौंक गई है। हालांकि पुलिस अधिकारियों ने इस संबंध में कुछ भी बताने से साफ इंकार कर दिया।

बताते चलें कि एक साथ तीन जगहों पर नौकरी कर सरकार को चूना लगाने वाले फरार सहायक अभियंता सुरेश राम ने बुधवार को किशनगंज न्यायालय में आत्समर्पण किया था। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अजीत कुमार सिंह के न्यायालय में आत्मसमर्पण के बाद आरोपित अभियंता को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया। 

तीन जिलों के दो विभागों के तीन पदों पर एक साथ नौकरी

सुरेश राम एक साथ दो विभागों में तीन पदों पर नौकरी करता रहा और तीनों जगहों से हर माह वेतन भी उठाता रहा। लेकिन, वेतन देने की नई व्यवस्था सीएफएमएस ने उसके इस कारनामे का खुलासा किया। खुलासा होने के बाद सुरेश राम ने जहां-जहां नौकरी की और वेतन उठाया, उन तीनों जगहों पर उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज हुई है, जिसके बाद वह फरार रहा।

सुरेश राम किशनगंज में भवन निर्माण विभाग में सहायक अभियन्ता पद पर कार्यरत था तो वहीं सुपौल में वह जलसंसाधन विभाग के पूर्वी तटबंध भीमनगर में कार्यरत था इसके साथ ही वह बांका में ही जलसंसाधन विभाग में अवर प्रमंडल बेलहर में भी सहायक अभियन्ता के रूप में कार्यरत था।

इतना ही नहीं, जलसंसाधन विभाग पटना में भी सुरेश राम ने नौकरी की। इस तरह तीन विभागों में तीन बार वो नियुक्त हुआ और प्रोमोशन भी लिया। यह बात खुलने पर राज्य सरकार के उपसचिव चंद्रशेखर प्रसाद सिंह ने उस पर किशनगंज थाने में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। 


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