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लंबित वारंट और कुर्की-जब्ती के बोझ तले दब रही है पुलिस

किशनगंज। जिला में क्राइम कंट्रोल के लिए फरार अपराधियों की गिरफ्तारी और कुर्की-जब्ती की प्रक्रिया मामले में पुलिस शिथिल है। इसका फायदा अपराधी जमकर उठा रहे हैं और खुलेआम घूमकर आपराधिक वारदात को अंजाम देकर पुलिस के समक्ष चुनौती पेश कर रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Jun 2021 08:03 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jun 2021 08:03 PM (IST)
लंबित वारंट और कुर्की-जब्ती  के बोझ तले दब रही है पुलिस
लंबित वारंट और कुर्की-जब्ती के बोझ तले दब रही है पुलिस

किशनगंज। जिला में क्राइम कंट्रोल के लिए फरार अपराधियों की गिरफ्तारी और कुर्की-जब्ती की प्रक्रिया मामले में पुलिस शिथिल है। इसका फायदा अपराधी जमकर उठा रहे हैं और खुलेआम घूमकर आपराधिक वारदात को अंजाम देकर पुलिस के समक्ष चुनौती पेश कर रहा है। ऐसे फरार अपराधियों को गिरफ्तार करने में पुलिस लंबित वारंट और कुर्की-जप्ती के बोझ तले दब रही है। विभिन्न थाना पुलिस के पास अभी 147 वारंट और कुर्की-जप्ती का मामला लंबित है। इन मामलों में पुलिस रूचि लेकर कार्रवाई नहीं कर रही है और जिसका नतीजा है कि अपराधियों में पुलिस का इकबाल दिन-प्रतिदिन कम होते जा रहा है। वहीं फरार अपराधियों के खिलाफ वारंट और कुर्की-जब्ती का आदेश लेने में पुलिस उदासीनता बरत रही है। आलम है कि मई माह में जिले के 20 थानों में से सिर्फ एक थाना ने एक वारंट न्यायालय से प्राप्त किया है।

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समय रहते अगर पुलिस फरार अपराधी के खिलाफ वारंट और कुर्की का प्रस्ताव लेकर कार्रवाई करें तो जिला में अपराध का ग्राफ कम होगा और अपराधी सलाखों के पीछे रहेगा। पुलिस आंकड़े पर गौर करें तो जिला में सबसे अधिक किशनगंज टाउन थाना में वारंट के 52 और कुर्की-जप्ती के पांच मामला लंबित है। वहीं मई माह में टाउन थाना पुलिस ने एक भी वारंट और कुर्की प्राप्त नहीं की और पूर्व से लंबित 62 वारंट और कुर्की के मामले में सिर्फ पांच मामले में कार्रवाई कर निष्पादन किया गया। यह आंकड़ा बता रहा है कि पुलिस की कार्यशैली किस गति से चल रही है। आखिर फरार अपराधियों पर कार्रवाई में पुलिस क्यों ठिठक रही है। पूरे जिले में लंबित 147 मामले को देखें तो मई माह के अंत तक 142 मामले वारंट के और पांच मामले कुर्की-जप्ती के पुलिस के पास लंबित है। वहीं मई माह में पूर्व से लंबित 165 वारंट और छह कुर्की-जप्ती के मामले में सिर्फ 24 वारंट और एक कुर्की के मामले में कार्रवाई की गई है। पुलिस अगर फरार अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई से पीछे हटेगी और वारंट एवं कुर्की का प्रस्ताव लेने में रूचि नहीं दिखाएगी तो अपराध का ग्राफ कम होने के बजाय बढ़ेगा और आमलोग अपराधी के आतंक से परेशान रहेंगे।

लंबित कुर्की-जब्ती पर एक नजर::

पुलिस अंचल - लंबित

किशनगंज 56 वारंट, 5 कुर्की

बहादुरगंज 45 वारंट

ठाकुरगंज 41 वारंट


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