थैलेरियोसिस बीमारी से हो सकती पशुओं की मौत
किशनगंज। पशुपालकों की समुचित जानकारी व साफ -सफाई के अभाव में गाय व भैंस जैसे पशुओं क
किशनगंज। पशुपालकों की समुचित जानकारी व साफ -सफाई के अभाव में गाय व भैंस जैसे पशुओं को थैलेरियोसिस जैसी बीमारी के शिकार हो जाते हैं इसलिए पशुपालक मवेशी रखने वाले जगह को हमेशा साफ सुथरा रखे। ताकि पशुओं को थैलेरियोसिस बीमारी से बचाया जा सके। पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सत्य नारायण यादव ने बताया कि थैलेरियोसिस बीमारी पशुओं में चमकोन द्वारा फैलती है। इस बीमारी से ग्रसित पशुओं के गर्दन वाले हिस्से में एक बड़ी गिलठी बन जाती है। वैसे पशुओं का पेशाब पीला होने के साथ तेज बुखार होता है। इस बीमारी से ग्रसित पशु मरने से एक दिन पहले तक अच्छी तरीके से चारा खाते रहता है। जिससे किसान पशु के इस गंभीर बीमारी से अनभिज्ञ रहते हैं । इन बीमारी से बचाने के लिए पशुओं को वुपारमाक्वीन 2.5 मिलीग्राम की सूई मवेशी के मांस वाले स्थान पर लगाना चाहिए। वही टेट्रासाइक्लीन का प्रयोग भी लायदायक होता है। साथ ही ज्वरनाशक दवा मेलोक्सी काम व पैरासिटामोल भी मवेशी को दिया जा सकता है।परन्तु बेहतर है ऐसे मौके पर किसी पशु चिकित्सक से मवेशी को दिखाकर ही दवाई दे।