Move to Jagran APP

सतमेढ़ी घाट पर पुल निर्माण कार्य में हो सकता है विलंब

किशनगंज। गत वर्ष 28 दिसंबर 2018 को भव्य समारोह आयोजित कर पोठिया प्रखंड क्षेत्र के अन्तर्गत कोल्

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Apr 2019 10:07 PM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2019 06:39 AM (IST)
सतमेढ़ी घाट पर पुल निर्माण 
कार्य में हो सकता है विलंब
सतमेढ़ी घाट पर पुल निर्माण कार्य में हो सकता है विलंब

किशनगंज। गत वर्ष 28 दिसंबर 2018 को भव्य समारोह आयोजित कर पोठिया प्रखंड क्षेत्र के अन्तर्गत कोल्था पंचायत स्थित डोक नदी के सतमेढ़ी घाट पर लगभग सात करोड़ की लागत से पुल निर्माण कार्य का शिलान्यास किया गया था। उस वक्त स्थानीय लोगों में खुशी की लहर दौर गई थी। लोगों को लगने लगा था कि अब चचरी पुल और नाव से नदी पार करने से छुटकारा मिल जाएगा। लेकिन शिलान्यास के चार माह बीत जाने के बाद भी पुल निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं होने से लोग मायूस हो गए हैं। अब लोगों को यह लगने लगा है कि कहीं यह महज चुनावी लॉलीपाप तो नहीं था।

loksabha election banner

चुनाव पूर्व आननफानन में शिलान्यास प्रक्रिया को पूरा कर तो लिया गया मगर निर्माण कार्य शुरू नहीं होने से ग्रामीण नाराज हैं। लोग ऐसा सोचे भी क्यों नहीं। इसी प्रकार 1983 में आमबाड़ी घाट पर तत्कालीन मुख्यमंत्री विंदेश्वरी दूबे ने पुल निर्माण को लेकर शिलान्यास किया था। लेकिन 36 साल बाद भी अब तक नहीं निर्माण कार्य नहीं किया जा सका। परिणामस्वरूप मुख्यमंत्री के हाथों किया गया शिलान्यास पट डोक नदी के कटाव से बह गया। हालांकि लगभग 35 वर्ष बाद स्थानयी विधायक ने 2018 में उसी स्थान पर पुल का शिलान्यास किया। इसी प्रकार पूर्व केन्द्रीय मंत्री

तस्लीमुद्दीन ने भी 2000 के दशक में बल्दिया घाट पर पुल निर्माण को लेकर शिलान्यास किया था। लेकिन उक्त स्थान पर आजतक पुल निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है।

-----------------

कहते हैं विभागीय अधिकारी -

वहीं सतमेढ़ी घाट पर पुल निर्माण कार्य शुरू नहीं होने का मामला कुछ और ही बताया जा रहा है। ग्रमीण कार्य विभाग-2 के कार्यपालक अभियंता अर्जुन प्रसाद ने बताया कि सतमेढ़ी घाट पर चार वर्ष पहले प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत पाइल फाउंडेशन का प्राक्कलन तैयार किया गया था। लेकिन जिस स्थान पर पुल निर्माण कार्य होना है, वहां पर पानी का बहाव काफी अधिक है। जिस कारण वहां पर पाइल फाउंडेशन का पुल टीक पाना संभव नहीं था। जिसे लेकर प्राक्कलन में सुधार करते हुए लगभग सात करोड़ की लागत से वहां वेल फाउंडेशन पुल निर्माण के लिए एनआइटी पटना भेजा गया। लेकिन इन प्रक्रियाओं को पूरी होने में काफी समय लग गया। पुल का टेंडर भी हो गया। जिसका गत वर्ष 28 दिसंबर 2018 को विधिवत रूप से स्थानीय विधायक ने शिलान्यास भी किया।लेकिन जब शिलान्यास के बाद पुल निर्माण कार्य प्रारंभ होना था तब संवेदक ने पुराना स्टीमेट की बात कहते हुए निर्माण कार्य में नुकसान होने की बात बताते हुए लिखित रूप से विभाग को देकर कार्य करने से इंकार कर दिया है। कार्यपालक अभियंता अर्जुन प्रसाद ने बताया कि इसे दोबारा टेंडर के लिए भेजा गया है। उम्मीद है कि मई के अंतिम सप्ताह तक पुल निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.