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शादी विवाह जैसे आयोजनों में कोविड 19 के अनुपालन परआमजन सतर्क

संवाद सहयोगी किशनगंज ठंड बढ़ते ही कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा पुन बढ़ने की अ

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 11:45 PM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 11:45 PM (IST)
शादी विवाह जैसे आयोजनों में कोविड 19 के अनुपालन परआमजन सतर्क
शादी विवाह जैसे आयोजनों में कोविड 19 के अनुपालन परआमजन सतर्क

संवाद सहयोगी, किशनगंज : ठंड बढ़ते ही कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा पुन: बढ़ने की आशंका है। इससे बचाव के लिए सरकार द्वारा गाइडलाइन जारी किया गया है। अब लोगों की जिम्मेदारी है कि सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का शत प्रतिशत पालन करें। ताकि कोरेाना के प्रकोप से स्वयं के साथ परिवार के सदस्यों को सुरक्षित रख सकें। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में शादी विवाह का माहौल है। एसे में सुरक्षित रहते हुए शादी विवाह जैसे शुभ कार्य संपन्न करवाना अहम है।

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शादी विवाह वाले घरों में भी मास्क लगाकर आने की अपील की जा रही है। प्रवेश द्वार पर थर्मल स्कैनिग कराने की भी व्यवस्था दिखने लगी है। साथ ही इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि एक सौ से अधिक व्यक्तियों का जमावड़ा नहीं हो। श्याम मोहन ने बताया कि घर में लड़की की शादी है। कोरोना संक्रमण को लेकर जारी किए गए गाइडलाइन का पालन करने के लिए गांव में जाकर बेटी की शादी करूंगा। जिससे कि कम से कम लोगों को बुलाकर विवाह कार्य संपन्न करवा सकूं। वर पक्ष के अभिभावक को कोरोना गाइडलाइन का पालन करने के लिए कह चुका हूं। इसके तहत बारात निकालने के दौरान बैंड बाजे नही बजाए जाएंगे। साथ ही बाराती पक्ष के कोई भी व्यक्ति सड़कों पर डांस भी नही करेंगे। लेकिन बारात पक्ष के स्वागत के लिए विवाह स्थल पर बैंड बाजा बजाऊंगा।

पंडित उमा कांत ने बताया कि जो लोग कार्तिक पूर्णिमा की तिथि के बारे में जानकारी लेने आते हैं। उन्हें भी सरकार द्वारा जारी किए गाइडलाइन का पालन करने की सलाह देता रहता हूं। इसके अंतर्गत लोगों का बताता हूं कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन नदी और पोखरों में स्नान करने से परहेज करें। इस समय भीड़भाड़ वाले स्थान के साथ जल संक्रमित होने की स्थिति में संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है। ऐसी स्थिति में लोगों को नदियों में स्नान करने से परहेज करें और घर पर ही चापाकल और नल के पानी से स्नान कर पूजा अर्चना करना उचित होगा। वैसे भी सरकार द्वारा पूर्व से ही साठ वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग, गर्भवती महिला और दस वर्ष के बच्चों को घर में रहने की सलाह दिए जाते रहे हैं।


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