आदिवासियों ने मनाया हुल उलगुलान संकल्प दिवस
किशनगंज। आदिवासी सेंगेल अभियान के द्वारा रविवार को जगह-जगह धरना प्रदर्शन व जुलूस निकालकर
किशनगंज। आदिवासी सेंगेल अभियान के द्वारा रविवार को जगह-जगह धरना प्रदर्शन व जुलूस निकालकर विश्व आदिवासी दिवस को हुल उलगुलान संकल्प दिवस के रूप में मनाया। इस दौरान झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला दहन कर विरोध प्रदर्शन किया गया। जिला मुख्यालय स्थित कजलामनी आदिवासी गांव बॉल्कटोला, टेढ़ागाछ के झुनकी, पोठिया के कासीबाड़ी व पार्टीबिछा गांव में आदिवासी सेंगेल अभियान की ओर से धरना प्रदर्शन कर विरोध जताया गया।
जिले में विभिन्न जगहों पर आदिवासी समाज के लोगों ने इसका समर्थन करते हुए कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे आदिवासी सेंगेल अभियान के बिहार प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ टुडू ने बताया कि नौ अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र संघ इस दिवस को आदिवासियों की संरक्षण और प्रोन्नति के लिए संकल्प लेने का अवसर प्रदान करता है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने 13 सितंबर 2007 आदिवासी अधिकार घोषणा पत्र भी जारी किया था। जिसे लेकर आदिवासी सेंगेल अभियान की तरफ से पांच मुद्दों पर झारखंड के मुख्यमंत्री का पुतला दहन पांच प्रदेशों बिहार, बंगाल, असम, झारखंड, उड़ीसा में किया गया। महानायक वीर शहीद सिदो मुर्मू की छठवीं पीढ़ी के रामेश्वर मुर्मू की संदिग्ध हत्या 12 जून 2020 की सीबीआइ जांच कराने, झारखंडी डोमिसाइल 1932 को लागू करने, सरना धर्म कोड लागू करने, आठवीं अनुसूची में शामिल भारत की प्रथम आदिवासी भाषा संथाली को हिदी के साथ झारखंड की प्रथम राजभाषा(अनुच्छेद 345) बनाने की मांग है। इसके अलावा महानायक वीर शहीद सिदो मुर्मू हुल क्रांति, बिरसा मुंडा उलगुलान क्रांति 1895 से 1900 सीएनटी के वंशजों की सुरक्षा, न्याय और समृद्धि के लिए दो ट्रस्टों का गठन और प्रत्येक ट्रस्ट पर सरकार एक सौ करोड़ रुपये की जमा पूंजी प्रदान करने का हमारी प्रमुख मांग है। इस कार्यक्रम में नरेश मरांडी, बुध्दू मुर्मू, रिपन मुर्मू, सुकू हेंम्ब्रम, दिनेश टुडू, राजेंद्र मुर्मू, राजा मरांडी, मुंशी मुर्मू, रामकृष्ण हेम्ब्रम, सुनीता सोरेन, सुहागी मुर्मू, आदि मौजूद थे।