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जड़ी-बूटी दिवस के रूप में मनाया गया आचार्य बालकृष्ण का जन्म दिन

किशनगंज। पतंजलि परिसर में मंगलवार को आचार्य बालकृष्ण का जन्म दिन जड़ी-बूटी दिवस के रूप में

By JagranEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 08:20 PM (IST)Updated: Wed, 05 Aug 2020 07:32 AM (IST)
जड़ी-बूटी दिवस के रूप में मनाया गया आचार्य बालकृष्ण का जन्म दिन
जड़ी-बूटी दिवस के रूप में मनाया गया आचार्य बालकृष्ण का जन्म दिन

किशनगंज। पतंजलि परिसर में मंगलवार को आचार्य बालकृष्ण का जन्म दिन जड़ी-बूटी दिवस के रूप में मनाया गया। आचार्य बालकृष्ण ने आयुर्वेद के माध्यम से विश्व मंच पर देश का मान बढ़ाया है। यह बातें मंगलवार को योग शिक्षिका कविता साहा ने डुमरिया स्थित पंतजलि कार्यालय परिसर में कही।

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उन्होंने कहा कि पौधारोपण करने में लोग अधिकतर फल और फूलों वाले पौधे को प्राथमिकता देते हैं। लेकिन इंसान केा इन पौधों के साथ जड़ी-बूटी वाले पौधे भी लगाए। इसके लिए डुमरिया और पूरबपाली के कई मोहल्लें में 23 घरों में जाकर महिलाओं को जड़ी-बूटी के पौधे लगाने के लिए प्रेरित किया गया। इस क्रम में पचास से अधिक औषधीय पौधे लगाए गए। इनमें गिलोई, एलोवेरा, तुलसी, अदरक, पुदीना, दालचीनी और हल्दी सहित कई औषधीय पौधे शामिल थे। इस जड़ी-बूटी दिवस को अभियान के रूप में 14 अगस्त तक शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में चलाए जाएंगे। इस दौरान मुख्य रुप से नीलू चौधरी, मालती दास, रीता राय, गुड़िया कुमार, सोनी कुमारी, पल्लवी कुमार सहित अन्य मौजूद रहे।


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