शहर की सड़कों पर हिचकोले खाते हैं वाहन
वैसे तो शहर की लगभग सभी सड़कें पुरानी हो चुकी हैं। इसके साथ ही छोटे-बड़े गड्ढों के कारण जर्जर भी हो गई हैं।
संवाद सहयोगी, किशनगंज : वैसे तो शहर की लगभग सभी सड़कें पुरानी हो चुकी हैं। इसके साथ ही छोटे-बड़े गड्ढों के कारण जर्जर भी हो गई हैं। बावजूद नप का ध्यान इन गड्ढे की मरम्मती कर सड़कों को सपाट व सुंदर बनाने में नहीं जाता। बाजार के कई सड़कों व ग्रामीण इलाकों से शहर की ओर आने वाली कई मुख्य सड़कें जर्जर हो चुकी है। जिस कारण अब इन सड़कों से वाहनों हिचकोले खाती गुजरती है।
प्रशासन की ओर से पूरे शहर में सड़कों का जाल बिछाए जाने का दावा किया जाता है। लेकिन जब इन्हीं सड़कों की मरम्मती की बारी आती है अधिकारी एक दूसरे पर इसकी जिम्मेदारी की बात करते हैं। कैलटेक्स चौक पर विगत कई वर्षों से नाले की पानी के कारण सर्विस रोड़ जर्जर हो चुका है। गड्ढे बड़े हो चुके है जिस कारण पूरे महीने इस गड्ढ़े में पानी जमा रहता है। लेकिन एनएचएआई और नगर परिषद के बीच फंसे पचड़े में शहरी लोगों को इसका भुगतान करना पड़ रहा है। आए दिन ई रिक्सा व साइकिल सवार, पैदल यात्री और दो पहिया वाहन चालक दुर्घटना के शिकार होते रहते है। मारवाड़ी कालेज से पश्चिमपाली आने वाली सड़क की हाल भी दयनीय हो चुकी है। सड़क किनारे नाला नहीं रहने के कारण विद्युत कार्यालय के समीप सड़क पर नाले का पानी बहने से सड़क पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। जिसपर वाहनों की रफ्तार धीमी हो जाती है ओर आए दिन जाम की समस्या से लोगों को जूझना पड़ता है। बाजार के भगतटोली रोड, सौदागर पट्टी रोड, नेमचंद रोड, सोनारपट्टी रोड सहित कई सड़कें जर्जर हो चुकी है। शहर की सड़क पर अधिकारियों के उदासीन रवैए के कारण सुलभ परिचालन अब अधूरा सपना से दिखने लगा है।