पछुआ हवा और बुंदा-बांदी से फिर बढ़ा ठंड का प्रकोप
बीते शनिवार को मौसम साफ रहने एवं सूर्य की किरण तेज होने के कारण लोग काफी खुश नजर आ रहे थे। अगले ही दिन रविवार को दिन भर कुहासा छाए रहने एवं तेज पछुआ हवा के साथ बूंदा-बांदी होने से ठंड का प्रकोप फिर बढ़ गया।
संवाद सूत्र, बहादुरगंज (किशनगंज) : बीते शनिवार को मौसम साफ रहने एवं सूर्य की किरण तेज होने के कारण लोग काफी खुश नजर आ रहे थे। अगले ही दिन रविवार को दिन भर कुहासा छाए रहने एवं तेज पछुआ हवा के साथ बूंदा-बांदी होने से ठंड का प्रकोप फिर बढ़ गया। तेज हवा चलने के कारण कनकनी भरी ठंड से लोगों का जनजीवन एक बार फिर से ठहर सा गया। बीच-बीच में बूंदा-बांदी होने से लोगों का घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया। फलस्वरूप लोग अपने-अपने घरों में ही दुबके रहे।
सड़को पर अन्य दिनों के अपेक्षा फिर से सन्नाटा देखने को मिला। हाड़ कंपाने वाली शीतलहरी से खासकर बुजुर्ग व बच्चों की परेशानी बढ़ गई है। वहीं दैनिक मजदूरी कर परिवार का भरण भोषण करने वाले लोगों की भी परेशानी बढ़ गई है। इन दिनों काम धंधा नहीं मिलने के कारण पेट पर भी आफत आ गयी है। लगातार शीतलहरी के कारण अधिकांश परिवार में सर्दी जुकाम, खांसी व बुखार के शिकार हो रहे हैं, जिससे हर परिवार परेशान हैं। उधर आकाश में बादल छाये रहने व बीच-बीच में बूंदा-बांदी होने के कारण तेलहन की खेती कर रहे किसान चितित हैं। तोरी का खेती किये किसान उसे उखाडकर खेत में ही छोड़े हुए हैं। यदि मुसलाधार बारिश हुई तो उखाड़ कर खुले खेत में छोड़े फसल का दाना भीगने से फसल खराब होने की चिता किसानों को सता रही है। किसान महबूब आलम, मंजूर आलम, सोहेल आलम, सुभाष कुमार, सर्जून लाल सहित अन्य किसानों का कहना माने तो इस बारिश से उखाड़े गये तेलहन तोड़ी को छोड़ अन्य किसी फसल के खराब होने की संभावना नहीं है।