उप स्वास्थ्य केंद्र में डाक्टरों की कमी, लटकता रहता ताला
सरकार के बनाए गए करोड़ों रुपये के भवन बिल्कुल व्यर्थ साबित हो रहा है। जहां आवारा पशुओं और कुत्तों का जमावड़ा लगा होता है।
संवाद सूत्र, दिघलबैंक (किशनगंज): दिघलबैंक प्रखंड अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दिघलबैंक टप्पू के उप स्वास्थ्य केंद्र सिघीमारी जहां आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वैलनस सेंटर के तहत भवन तो चकाचक बना दिए गए हैं, लेकिन वहां ताला लटका हुए रहता है। भवन बनने से जगह की सुंदरता तो बढ़ गई परंतु उप स्वास्थ्य केंद्र में रहने वाले ना तो डाक्टर हैं ना ही वहां मरीज आते हैं। ऐसे में सरकार के बनाए गए करोड़ों रुपये के भवन बिल्कुल व्यर्थ साबित हो रहा है। जहां आवारा पशुओं और कुत्तों का जमावड़ा लगा होता है।
उप स्वास्थ्य केंद्र के आगे बिल्कुल आवारा कुत्ते का अड्डा बन गया है। वह भी क्यों नहीं हो खाली जगह रहने के कारण कुत्ते और आवारा पशु ही तो रह सकते हैं। ना ही डाक्टर हैं ना ही मरीज हैं। सिर्फ भवन ही दिखाई पड़ते हैं। ऐसे में ग्रामीणों में रामचंद्र शर्मा, इंद्रदेव यादव, प्रमोद साह, लक्ष्मण कुमार दास, श्याम सुंदर पोद्दार, अनवारुल हक, ज्योतिष कुमार सिंह, संजय यादव, पंचानंद साहा, राजनाथ सहा, बसंत कुमार सिंह, जीतू राम आदि ने बताया कि जब से यह उप स्वास्थ्य केंद्र बना है तब से यहां डाक्टर नहीं आते हैं। कभी कभी पल्स पोलियो के दिन यहां पोलियो के ड्राप पिलाए जाते हैं और टीकाकरण किया जाता है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि जिस प्रकार से भवन का निर्माण कराएं हैं। ठीक उसी प्रकार से यहां पर डाक्टरों की कमी को भी पूरी कर दें। ताकि ग्रामीणों को अपना इलाज कराने के लिए दर-दर की ठोकरे ना खानी पड़े। यह केंद्र बंद होने के कारण लोग मजबूरन झोला छाप डाक्टर के पास पहुंच जाते हैं। झोला छाप डाक्टर इलाज तो करते हैं परंतु कितनों की जान भी ले लेते हैं। इस संबंध में पूछे जाने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र टप्पू दिघलबैंक के डाक्टर टीएन रजक ने बताया कि डाक्टरों की कमी के कारण सभी उप स्वास्थ्य केंद्रों में डाक्टरों की नियुक्ति नहीं हो पाई है। डिमांड किया गया है डाक्टर के आते ही उप स्वास्थ्य केंद्र में डाक्टर की नियुक्ति कर दी जाएगी। फिलहाल वहां एक एएनएम उषा कुमारी की नियुक्ति है जो टीकाकरण करने के लिए जाती है।