उर्जा के उपयोग को कम करने की नई रणनीति
किशनगंज। आनेवाली पीढ़ी को स्वच्छ वातावरण प्रदान करने के साथ साथ पर्यावरण संतुलन को बनाए र
किशनगंज। आनेवाली पीढ़ी को स्वच्छ वातावरण प्रदान करने के साथ साथ पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने के लिए रेलवे सतत प्रयत्नशील है। रेलवे ने फॉसिल फ्यूल के इस्तेमाल से उत्पन्न होने वाले कार्बन तथा उर्जा के उपयोग को कम करने के लिए नई रणनीति तैयार की है। योजना के तहत पारंपरिक ट्युब लाइट और वेपर लाइट के स्थान पर एलईडी बल्ब का इस्तेमाल किया जा रहा है। नॉर्थ फ्रंटियर रेलवे ने अपने अधीन आने वाले शत प्रतिशत स्टेशनों पर एलईडी लाइटिग की व्यवस्था कर दी है। इसके साथ ही सौर ऊर्जा के इस्तेमाल पर भी बल दिया जा रहा है। गुवाहाटी स्टेशन पर 2017 में 700 केडब्ल्यूपी क्षमता के सौर संयंत्र की शुरुआत कर पूर्वोत्तर के प्रथम सौर ऊर्जा संचालित स्टेशन का दर्जा हासिल कर लिया है। हालांकि इसके बाद पूर्वोत्तर में विभिन्न कार्यालय, स्टेशन भवनों, विभिन्न रेलवे क्रॉसिग आदि स्थानों पर सोलर पैनल लगाए गए हैं। इन सोलर पैनलों के द्वारा 2428 केडब्ल्यूपी सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जा रहा है। जिससे सालाना दो करोड़ की बिजली की बचत की जा रही है।
नॉर्थफ्रंटियर रेलवे के सीपीआरओ शुभानन चंद्रा ने बताया कि एक और 1043 केडब्ल्यूपी सौर उर्जा उत्पादन संयंत्र स्थापना की जा रही है। इसके अलावा 4365 केडब्ल्यूपी सौर उर्जा की भी स्थापना करने की योजना बनाई गई है। एक बार इन सभी संयंत्रों के चालू हो जाने पर नॉर्थ फ्रंटियर रेलवे में कुल सौर ऊर्जा उत्पादन करीब 8000 केडब्ल्यूपी हो जाएगा, जिससे 37 लाख इकाई बिजली का उत्पादन होगा और प्रत्येक वर्ष 4.73 करोड़ की बिजली बिलों की बचत होगी।