लॉकडाउन के बीच सादगी व सौहार्द के साथ मना बकरीद
किशनगंज। लॉकडाउन के बीच मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शारीरिक दूरी का पालन करते हुए त्या
किशनगंज। लॉकडाउन के बीच मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शारीरिक दूरी का पालन करते हुए त्याग और बलिदान का पर्व ईद-उल-अजहा शनिवार को सादगी व सौहार्द के साथ मनाया। लॉकडाउन के कारण लोग मस्जिद व ईदगाह के बजाय अपने घरों में ही नमाज अदा किए। सड़कों पर कम संख्या में ही लोग नजर आए। लॉकडाउन को देखते हुए लोगों ने घर पर ही रहना उचित समझा। सबसे अहम बात यह रही कि लोगों ने अपने धैर्य का परिचय देते हुए त्याग और बलिदान का पर्व ईद-उल-अजहा को सादगी के माहौल में मनाया। प्रखंडों में लोगों ने परंपरागत तरीके से घरों में बकरीद की विशेष नमाज अदा किया गया। लॉकडाउन के चलते धर्म गुरुओं द्वारा बकरीद की नमाज घरों में ही अदा करने की अपील की गई थी। इस वजह से सड़कों पर सन्नाटा छाया रहा।
इस संबंध में मौलाना मंजूर आलम रिजवी ने कहा कि इस समय देश में कोरेाना वायरस के संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। इस वायरस के चपेट में प्रतिदिन जिले के 20-25 लोग आ रहे हैं। हालांकि लॉकडाउन ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। इसके बावजूद लोगों ने बकरीद पर्व के दिन समाज और राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अल्लाह की इबादत में लगे रहे। उन्होंने बताया कि बकरीद इस्लाम धर्म के लोगों का एक पवित्र त्योहार है। इस पर्व को ईद-उल-अजहा के नाम से भी जाना जाता है। रमजान के पवित्र महीने की समाप्ति के 70 दिन बाद बकरीद पर्व मनाए जाते हैं। इसे कुर्बानी का त्योहार भी कहा गया है। कुर्बानी के पर्व ईद-उल-अजहा पर इस बार लॉकडाउन और कोरोना का असर स्पष्ट रुप से दिखा। हमेशा की तरह इस वर्ष त्योहार की रौनक देखने को नही मिला। विभिन्न चौक-चौराहों पर सुरक्षा के लिहाज से पर्याप्त संख्या में पुलिस बल लगाए गए थे। लोगों ने एक दूसरे को वाट्सएप पर मैसेज भेजकर अपनी खुशियों का इजहार किया।