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पक्की सड़क निर्माण की मांग को लेकर ग्रामीणों ने जताया आक्रोश

विकास के इस दौर में ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कें अभी भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है। सरकार या जनप्रतिनिधि भले सड़कों का जाल बिछा देने का दवा करें लेकिन अभी भी प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों गांव ऐसे हैं जहां जर्जर गड्ढानुमा कच्ची सड़क अपने उद्धारक के इंतजार में है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 May 2022 08:35 PM (IST)Updated: Wed, 18 May 2022 08:35 PM (IST)
पक्की सड़क निर्माण की मांग को लेकर ग्रामीणों ने जताया आक्रोश
पक्की सड़क निर्माण की मांग को लेकर ग्रामीणों ने जताया आक्रोश

संवाद सूत्र, बहादुरगंज (किशनगंज) : विकास के इस दौर में ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कें अभी भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है। सरकार या जनप्रतिनिधि भले सड़कों का जाल बिछा देने का दवा करें, लेकिन अभी भी प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों गांव ऐसे हैं जहां जर्जर गड्ढानुमा कच्ची सड़क अपने उद्धारक के इंतजार में है। इसका जीता जागता उदाहरण है एनएच-327 ई स्थित बंगरी बस्ती से संगत होते हुए बेतबाडी जाने वाली कच्ची सड़क है। जिसमें बरसात कौन कहे सुखाड में भी आवाजाही करना जान को जोखिम में डालने के समान है।

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इस महत्वपूर्ण कच्ची सड़क की बदहाली को लेकर बुधवार को इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग पार्टी के प्रखंड अध्यक्ष नाहिद अरशद उर्फ बिट्टू के अगुवाई में दर्जनों ग्रामीण ने सड़क पर उतरकर व्यवस्था के खिलाफ जमकर नारेबाजी की एवं जिला प्रशासन के साथ क्षेत्रीय विधायक अंजार नईमी का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराते हुए जल्द से जल्द पक्की सड़क निर्माण कराने की मांग की। इस मौके पर इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग पार्टी के प्रखंड अध्यक्ष नाहिद अरशद उर्फ बिट्टू ने बताया कि बरसात की बात कौन कहे, सुखाड़ के दिनों में भी इस अति महत्वपूर्ण सड़क में चलना मुश्किल हो जाता है। जर्जर गड्ढानुमा सड़क के कारण लोगों को आवाजाही करने में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। परेशानी तब और बढ़ जाती है जब अचानक किसी के बीमार पडने या प्रसव पीड़ा से परेशान किसी महिला को समुचित इलाज कराने के लिए चार चक्का वाहन से बाहर ले जाना पड़ता है। ऐसी स्थिति में विकट समस्या खड़ी हो जाती है। ग्रामीणों का कहना है कि इस महत्वपूर्ण सड़क के किनारे आंगनबाडी केन्द्र, स्कूल के साथ जरूरी काम से लोगों का आवाजाही लगा रहता है। उसके बावजूद सड़क नहीं बनना समझ से पड़े है। वहीं लोगों का यह भी कहना है कि ऐसा नहीं है कि इस सड़क की पक्कीकरण को लेकर जनप्रतिनिधि से लेकर प्रशासनिक पदाधिकारी तक भी कहा गया। लेकिन हर बार निराशा ही हाथ आया। हर बार चुनाव के दौरान हर प्रत्याशी सड़क निर्माण का भरोसा तो देते हैं, लेकिन चुनाव जीतते ही हर विजयी प्रत्याशी अपना वादा भूला बैठते हैं। इस मौके पर मुख्य रूप से प्रवेज आलम, मु. तमीजोद्दीन, मु. इरफानआलम, मु. शाहजहां, मु. दिलनिसार सहित दर्जनों ग्रामीण उपस्थित थे।


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