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चचरी पुल ध्वस्त होने से बहादुरगंज-टेढ़ागाछ के बीच बढ़ी दूरियां

फोटो 24 केएसएन 51 संवाद सूत्र, बहादुरगंज (किशनगंज) : मानसून आने से पहले हो रही लगातार बारिश से क्ष

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Jun 2018 12:07 AM (IST)Updated: Mon, 25 Jun 2018 12:07 AM (IST)
चचरी पुल ध्वस्त होने से बहादुरगंज-टेढ़ागाछ के बीच बढ़ी दूरियां
चचरी पुल ध्वस्त होने से बहादुरगंज-टेढ़ागाछ के बीच बढ़ी दूरियां

फोटो 24 केएसएन 51

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संवाद सूत्र, बहादुरगंज (किशनगंज) : मानसून आने से पहले हो रही लगातार बारिश से क्षेत्र विभिन्न नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है। जिससे बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोग भीषण प्राकृति आपदा को लेकर अभी से सशंकित होने लगे हैं। खासकर प्रखंड के पश्चिमी क्षेत्र के लोग इससे ज्यादा प्रभावित हैं। इन दिनों हुई बारिश से लौचा व मटियारी नदी का जलस्तर शनिवार को अचानक बढ़ गया हालांकि रविवार को इसमें कई आई। परंतु लौचा नदी में बना चचरी पुल के ऊपर से पानी बहने व तेज धार के बीच चचरी पुल के बीच-बीच में टूट कर बह गया है। जिससे बहादुरगंज प्रखंड के पश्चिमी क्षेत्र व खासकर टेढागाछ प्रखंड से जुड़े लोगों को बहादुरगंज या जिला मुख्यालय आना-जाना मुश्किल हो गया है। लोग जान हथेली पर लेकर जहां चचेरी पुल के सहारे ही आवाजाही कर रहे हैं।

वहीं फिलहाल नदी में नाव का भी सुचारू रूप से संचालन नहीं हो पा रहा है। कहीं-कहीं कम पानी होने के कारण नाव फंसने का डर बना रहता है। फिर भी नाविक किसी तरह लोगों को नदी में आर-पार करा रहे हैं। कुछ लोग तैर कर भी नदी के तेज धार को पार कर रहे हैं। हालांकि यह पूरी तरह से जोखिम भरा है। स्थानीय मो. अली मुर्तजा, मो. शहवाज आलम, मो. जुबेर आलम, मो. रूस्तम, मो. निसार आलम, शाहनवाज हुसैन, शाहीद आलम, दिलकश राही, सबी अनवर, मासूम आलम, सोहील आलम सहित अन्य लोगों का कहना है कि लौचा पुल निर्माण संघर्ष समिति, कांग्रेस सांसद मौलाना असरारूल हक कासमी व क्षेत्रीय विधायक तौसीफ आलम के अथक प्रयास से बिहार पुल निर्माण निगम द्वारा निर्माणाधीन लौचा पुल के निर्माण हेतु अतिरिक्त राशि की स्वीकृति दे दी। पूल का निर्माण कार्य भी प्रारंभ हुआ परन्तु अभी तक निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाने से इस साल भी लोगों को आवाजाही को लेकर परेशानी उठानी पड़ेगी। बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों में समय से पूर्व काटवरोधी कार्यों की समुचित व्यवस्था नहीं होने से पिछले साल की तरह ही तबाही झेलना पड़ेगा।


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