लगाए जा रहे पंडाल, बन रहीं मां सरस्वती की मूर्तियां
आगामी पांच फरवरी को बसंत पंचमी के अवसर पर आयोजित ज्ञान की देवी वीणापाणि मां सरस्वती की पूजा की तैयारी नगर क्षेत्र ठाकुरगंज में शुरू हो गई है।
संसू, ठाकुरगंज (किशनगंज) : आगामी पांच फरवरी को बसंत पंचमी के अवसर पर आयोजित ज्ञान की देवी वीणापाणि मां सरस्वती की पूजा की तैयारी नगर क्षेत्र ठाकुरगंज में शुरू हो गई है। नगर के विभिन्न क्षेत्रों में मूर्तिकार मूर्तियों को आकार देने में जुट गए हैं। पूजा आयोजन समिति द्वारा पंडाल निर्माण कार्य की शुरुआत भी शुरू हो गई है। पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार ज्यादा प्रतिमाएं बनायी जा रही हैं।
हालांकि पूजा में अभी 15 दिन शेष हैं, लेकिन विभिन्न पूजा समितियों के सदस्यों ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। कई पूजा समितियों ने प्रतिमा निर्माण का आर्डर भी दे दिया है। अभी प्रतिमा को आकार देते हुए कलाकारों के द्वारा मिट्टी का कार्य पूरा कर अब उसे सूखने को छोड़ दिया गया है। प्रतिमा के सूखने के बाद उसपर रंगाई-पुताई का काम शुरू होगा। धूमधाम से मां शारदे के पूजनोत्सव को ले नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग तीन दर्जन से अधिक जगहों पर प्रतिमा स्थापित करने की तैयारी में छात्र व युवा जुट गये हैं। अभी से ही छात्र व युवक कोष संग्रह कर रहे हैं। नगर के वार्ड नं छह के निटालबस्ती में इस बार युवकों द्वारा संजीवनी पहाड़ का डेकोरेशन तैयार किया जा रहा है। इसके अलावे मैट्रिक व इंटरमीडिएट परीक्षा के बीच परीक्षार्थियों के साथ साथ अन्य वर्ग के छात्र-छात्राओं द्वारा भी अपने शिक्षण संस्थानों की साफ-सफाई अभी से शुरू कर दी गई हैं, क्योंकि कोरोना के कारण स्कूल व अन्य शिक्षण संस्थान बंद पड़े थे जिससे गंदगी बढ़ी हुई थी। आयोजित स्थलों में युवाओं के द्वारा पूजा कमेटी भी गठित कर ली है। वहीं नगर के भातढाला में मां की प्रतिमा को अंतिम रूप देने में मूर्तिकार लगे हुए हैं। प्रतिमा निर्माण के संबंध में मूर्तिकार हरि पाल बताते हैं कि पहले मूर्तियों की कीमत दो सौ से डेढ़ हजार रुपये तक थी। इस बार दो हजार से तीन हजार रुपये तक है। आयोजक अपने अनुरूप बेहतर मूर्ति बनाने की सलाह भी दे रहे हैं। इसे लेकर कई लोगों का आर्डर आ चुका है। पांच सौ रुपए से लेकर तीन हजार रुपए तक की मूर्ति का निर्माण किया जा रहा है। उच्च माध्यमिक विद्यालय ठाकुरगंज के सेवानिवृत्त संस्कृत के व्याख्याता व पुरोहित उदयानन्द झा ने बताया कि इस बार सरस्वती पूजा पांच फरवरी को मनाई जाएगी। माघ के शुक्ल पक्ष की पंचमी को सरस्वती पूजा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को बसंत पंचमी के तौर पर मनाने की भी परंपरा है। यह दिन ज्ञान, विद्या, बुद्धिमत्ता, कला और संस्कृति की देवी मां सरस्वती को समर्पित है।