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फैलता जा रहा है बाढ़ का पानी

नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है। गंगा को छोड़ अन्य सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। गंगा भी खतरे के निशान से मात्र 0.42 सेमी नीचे है। वर्तमान में सर्वाधिक उफान पर बागमती है। जिससे अलौली चौथम सहित अन्य प्रखंड में बाढ़ का कहर भी तेज हो गया है। जबकि कोसी गंगा व बूढ़ी गंडक से भी भयावह स्थित बनी है। जलस्तर में वृद्धि के साथ नित्य नए गांव व पंचायत बाढ़ की चपेट में आ रहे हैं। गांव घर पानी से घिरने के बाद लोगों का विस्थापन भी जारी है। एक हजार से ऊपर लोग विस्थापित हो चुके हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Jul 2020 08:31 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2020 08:31 PM (IST)
फैलता जा रहा है बाढ़ का पानी
फैलता जा रहा है बाढ़ का पानी

खगड़िया। नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है। गंगा को छोड़ अन्य सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। गंगा भी खतरे के निशान से मात्र 0.42 सेमी नीचे है। वर्तमान में सर्वाधिक उफान पर बागमती है। जिससे अलौली, चौथम सहित अन्य प्रखंड में बाढ़ का कहर भी तेज हो गया है। जबकि कोसी, गंगा व बूढ़ी गंडक से भी भयावह स्थित बनी है। जलस्तर में वृद्धि के साथ नित्य नए गांव व पंचायत बाढ़ की चपेट में आ रहे हैं। गांव घर पानी से घिरने के बाद लोगों का विस्थापन भी जारी है। एक हजार से ऊपर लोग विस्थापित हो चुके हैं।

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विस्थापित परिवार ऊंचे स्थानों पर यत्र- तत्र शरण लिए हुए हैं। बाढ़ के साथ हो रही बारिश से बाढ़ पीड़ितों की मुश्किलें और बढ़ गई है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नाव की कमी है। प्रशासनिक स्तर पर समुचित नाव का प्रबंध भी नहीं किया जा सका है। बांध-तटबंधों पर भी पानी का दवाब है। प्रशासनिक स्तर से जिले के विभिन्न चार जगहों पर फ्लड फाइटिग कार्य कराया जा रहा है। जिसमें दो जगहों पर चौथम में तटबंध में रिसाव रोकने का कार्य भी है। बाढ़ से सैकड़ों एकड़ में लगी फसल डूब गई है।पशुपालकों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। चारे के अभाव के कारण पशुपालकों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। प्रशासनिक स्तर पर पशुचारा को लेकर कोई व्यवस्था नहीं हुई है। बाढ़ की स्थिति

सरकारी आंकड़े के अनुसार जिले के सात प्रखंड के 33 पंचायत अब बाढ़ की चपेट में है। बाढ़ प्रभावित इन 33 पंचायत के कुल 92 गांव बाढ़ के पानी में डूबे हैं। जिससे कुल 76 हजार 380 लोग प्रभावित हैं। घरों में पानी प्रवेश के साथ 1144 लोग विस्थापित हुए हैं। प्रशासनिक स्तर पर जिले में कुल 83 नाव संचालित है। जबकि प्रभावित गांव की संख्या 92 है। मानसी के अमनी सहित तीन जगहों पर कम्युनिटी किचन और एक राहत कैंप संचालित है। अब तक 733 लोगों को पॉलिथीन सीट और तीन हजार 397 लोगों के बीच फूड पैकेट का वितरण किया गया है। एक पशु की क्षति हुई है। कोट बाढ़ से 33 पंचायत के 92 गांव प्रभावित हैं। आवश्यकता के अनुसार बाढ़ प्रभावित गांव में नाव उपलब्ध कराया जा रहा है। पॉलिथीन सीट व फूड पैकेट का भी वितरण कार्य जारी है। विस्थापित के लिए एक कैंप के साथ अलग- अलग जगहों पर तीन कम्युनिटी किचन संचालित है। बाढ़ राहत कार्य सजगता के साथ चलाया जा रहा है। स्थिति नियंत्रण में है।

शत्रुंजय मिश्र, एडीएम


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