60 से 80 रुपये किलो बिक रहा परवल
खगड़िया। बाढ़ और भारी बरसात बाद सब्जी की कीमत आसमान छू रही है। खासकर हरी सब्जियों की कीमत में भारी उछाल आया है। खगड़िया जिला मुख्यालय से लेकर सुदूर परबत्ता ग्रामीण बाजार में हरी सब्जियां आमजन से दूर होती जा रही हैं। लोग आलू और अंडा पर निर्भर होते जा रहे हैं। सब्जियों की महंगी होने से अंडा बाजार में उछाल आया है।
खगड़िया। बाढ़ और भारी बरसात बाद सब्जी की कीमत आसमान छू रही है। खासकर हरी सब्जियों की कीमत में भारी उछाल आया है। खगड़िया जिला मुख्यालय से लेकर सुदूर परबत्ता ग्रामीण बाजार में हरी सब्जियां आमजन से दूर होती जा रही हैं। लोग आलू और अंडा पर निर्भर होते जा रहे हैं। सब्जियों की महंगी होने से अंडा बाजार में उछाल आया है।
खगड़िया स्टेशन के पास अंडा दुकान चला रही कंचन कहती हैं कि प्रतिदिन एक हजार रुपये का अंडा बेच लेती हूं। खगड़िया बाजार में 60 से 80 रुपये किलो परवल बिक रहा है। आम आदमी की थाली से हरी सब्जी और सलाद गायब होते दिखाई दे रहा है। महंगाई की मार मध्यम वर्ग के लोगों को सोचने पर विवश कर दिया है। गोगरी बाजार में भिडी 30 रुपये प्रति किलो, करेला 60 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। कद्दू 25 रुपये पीस है। जबकि टमाटर 60 और खीरा 40-50 रुपये प्रति किलो बिक रहे हैं। प्याज 50 रुपये किलो के आसपास है। किसानों ने बताया कि जल जमाव से सब्जियों के पौधे व लत्ती गल गए। परबत्ता बाजार में भी सब्जी के दाम आसमान छू रहे हैं। रसोई घर से सब्जी खासकर हरी सब्जियां अलविदा कह रही है। लोग बाजार आते हैं और सब्जी की कीमत पूछकर अपनी जेब टटोलकर वापस चले जाते हैं। सब्जियों के दाम लगातार बढ़ने से आम आदमी की थाली से हरी सब्जियां गायब होती दिख रही है। परबत्ता
बाजार में संगम कुमार, डब्लू यादव, अविनाश चौधरी, पुष्पा कुमारी, सुचिता कुमारी आदि ने कहा कि हरी सब्जी खाने की हिम्मत नहीं है। आलू, सोयाबीन से काम चला रहे हैं। फुटकर सब्जी विक्रेता विनय कुमार, अजय कुमार, रणजीत, सुमन, संजीत ने कहा कि बाढ़ और बारिश में सब्जी की फसल नष्ट हो गई है। अधिक कीमत पर सब्जी खरीदते हैं, तो बेचेंगे भी ज्यादा कीमत पर ही। परबत्ता में भिडी 50 से 60 और परवल 80 रुपये किलो है।