खुले में शौच से मुक्ति की खुल रही है पोल
बेलदौर प्रखंड खुले में शौच से मुक्त घोषित है। यह घोषणा 2018 में ही हो चुकी है।
संवाद सूत्र, बेलदौर (खगड़िया): बेलदौर प्रखंड खुले में शौच से मुक्त घोषित है। यह घोषणा 2018 में ही हो चुकी है। लेकिन तीन वर्ष बीतने के बाद भी धरातल पर स्थिति कुछ और ही है। अभी कई कई लोग खुले में शौच जाने को विवश बने हुए हैं। कई जगहों पर शौचालय बनने के बावजूद व्यवहार परिवर्तन नहीं होने के कारण यह अनुपयोगी साबित हो रहा है। कई महादलित टोला में जगह के अभाव में लाभुक चाह कर भी शौचालय नहीं बना पाए हैं। इन जगहों पर सामुदायिक शौचालय का भी निर्माण नहीं हुआ है। बानो दास महादलित टोला, महिनाथ नगर में सामुदायिक शौचालय नहीं रहने से लोग खुले में शौच करने के लिए विवश बने हुए हैं। डुमरी पंचायत की रोहियामा गांव में एक वर्ष में भी सामुदायिक शौचालय का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है। यहां स्वच्छ भारत मिशन, ग्राम लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत करीब एक वर्ष पूर्व तीन लाख की लागत से सामुदायिक शौचालय का निर्माण किया गया। जो आधा-अधूरा है। आश्चर्य है कि इस सामुदायिक शौचालय का करीब छह माह पूर्व उदघाटन को लेकर संबंधित व्यक्तियों का नाम का लेखन भी करवा दिया गया। लेकिन इसका फायदा पोषक क्षेत्र के लोगों को नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीणों में रिकू देवी, पूनम देवी ने बताया कि पांच सीट वाले सामुदायिक शौचालय अर्ध निर्मित पड़ा हुआ है। स्थानीय लोग खुले में शौच जाने को विवश हैं। ग्रामीणों ने कहा कि अगर शौचालय निर्माण कार्य पूर्ण नहीं किया गया, तो उदघाटन संबंधित बोर्ड क्यों लगाया गया?
इस संबंध में बेलदौर स्वच्छता समन्वयक संजीव कुमार ने बताया कि अर्धनिर्मित सामुदायिक शौचालय को जल्द से जल्द पूर्ण करा लिया जाएगा। सामुदायिक शौचालय का अब तक उदघाटन नहीं हुआ है, सिर्फ दीवार पर उदघाटन संबंधित लेखन कराया गया है।