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रेलवे की जमीन में फुटकर विक्रेताओं को बसाने की तैयारी

खगड़िया। खगड़िया रेलवे स्टेशन से सटी रेलवे की 11 हजार 7

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Feb 2020 06:39 PM (IST)Updated: Sat, 22 Feb 2020 07:58 PM (IST)
रेलवे की जमीन में फुटकर विक्रेताओं को बसाने की तैयारी
रेलवे की जमीन में फुटकर विक्रेताओं को बसाने की तैयारी

खगड़िया। खगड़िया रेलवे स्टेशन से सटी रेलवे की 11 हजार 789 वर्ग मीटर भूमि में तहबाजारी (फुटकर विक्रेताओं को बसाने का कार्य) शुरू होने के छह माह बाद भी स्टेशन रोड में जाम की समस्या का निदान नहीं निकल सका है। जिसके कारण अभी भी तहबाजारी की अधिकांश भूमि खाली पड़ी है। जहां सभी फुटकर विक्रेताओं को बसाने के बाद ही स्टेशन रोड में जाम की समस्या का निदान निकल सकेगा।

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तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी अमित कुमार पांडे ने स्टेशन रोड को जाम की समस्या से मुक्त कराने के लिए महत्वपूर्ण पहल की थी। जिससे रेलवे की भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित हो पाई। बावजूद इसके स्टेशन रोड में जाम की समस्या जस की तस है।

मालूम हो कि तत्कालीन एसडीओ अमित कुमार पांडे ने शहर को जाम से समस्या से मुक्त कराने के लिए रेलवे अधिकारियों के साथ बैठक की थी। जिसमें रेलवे के तत्कालीन डिप्टी चीफ इंजीनियर संजय कुमार सिंह ने हिस्सा लिया था। बैठक में स्टेशन रोड के फुटकर विक्रेताओं को जगह उपलब्ध कराने के लिए खगड़िया स्टेशन के आसपास की अनुपयोगी भूमि को आवंटित करने का अनुरोध किया गया था। उनकी पहल के आलोक में ही रेल मंडल सोनपुर ने स्टेशन परिसर के पूरब-उत्तर व पश्चिमी हिस्से में 11 हजार 789 वर्ग मीटर भूमि की बंदोबस्ती की थी। रेलवे की ओर से तहबाजारी के लिए बंदोबस्त भूमि की जानकारी अनुमंडल अधिकारी को भी दी गई थी।

रेलवे के सहायक अभियंता बरौनी ने अपने पत्रांक डब्लू 214, तहबाजारी, दिनांक आठ जुलाई 19 के आलोक में एसडीओ खगड़िया को जानकारी दी। जिसमें कहा गया है कि मंडल कार्यालय सोनपुर ने रेलवे परिसर की भूमि की नीलामी कराई है। जिसकी अवधि एक अप्रैल 19 से 31 मार्च 22 तक है। पत्र एसडीओ को सूचनार्थ एवं कार्रवाई हेतु प्रेषित किया गया।

रेलवे की ओर से तहबाजारी के लिए भूमि की नीलामी से संबंधित पत्र देने के छह माह बाद भी अनुमंडल प्रशासन की ओर से स्टेशन रोड के फुटकर विक्रेताओं को तहबाजारी की भूमि में ले जाने का महत्वपूर्ण प्रयास नहीं किया गया है। जबकि भूमि का 80 प्रतिशत हिस्सा अभी खाली पड़ा हुआ है।

बंदोबस्तदार राजेंद्र शर्मा ने नीलामी में तहबाजारी के लिए भूमि लिए जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि फुटकर विक्रेताओं को नहीं लाने के कारण 80 प्रतिशत हिस्सा अभी खाली पड़ा हुआ है।


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