लीड - पोषण वाटिका से बदली तस्वीर, अब अपनी क्यारी, अपनी थाली
जिले के 120 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण वाटिका से पोषक क्षेत्र के बचे लाभुक गर्भवती और धात्री माताएं लाभान्वित हो रहे हैं।
चंदन चौहान, खगड़िया
जिले के 120 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण वाटिका से पोषक क्षेत्र के बच्चे, लाभुक गर्भवती और धात्री माताएं लाभान्वित हो रहे हैं। उन्हें पौष्टिक फल और ताजा सब्जियां मिल रही हैं। पोषण वाटिका में रासायनिक खाद का उपयोग नहीं किया जाता है।
आइसीडीएस और कृषि विज्ञान केंद्र के समन्वय से स्थापित पोषण वाटिका में मौसमी फलों और सब्जियों की खेती हो रही है। आंगनबाड़ी केंद्रों में बाल विकास परियोजना विभाग ने ताजा गर्म भोजन, ड्राइ फ्रूट, दूध, घी, मक्खन के बाद अब हरी सब्जियों को उपलब्ध कराने की नई शुरुआत की है। योजना के तहत हर गांव के आंगनबाड़ी केंद्रों पर सेविका कृषि विज्ञान केंद्र के सहयोग से पोषण वाटिका को तैयार करेगी। जहां टमाटर, लौकी, भिडी, सेम, कद्दू, बैगन सहित मौसमी फलों का उत्पादन किया जाएगा। जिससे गर्भवती, धात्री और आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ रहे बच्चों के कुपोषण को दूर किया जाएगा। जिसकी शुरुआत हो चुकी है। आइसीडीएस के डीपीओ ऐश्वर्याश्री ने बताया कि वर्तमान में जिले में 120 पोषण वाटिका है। जहां कृषि विज्ञान केंद्र के सहयोग से ताजे मौसमी फल और सब्जियों का उत्पादन किया जा रहा है। बाढ़ के कारण कुछ पोषण वाटिका की स्थिति बिगड़ी है। जिसे चिह्नित किया जा रहा है। जल्द ही वैसे आंगनबड़ी केंद्र जहां पोषण वाटिका प्रभावित हुई है, उसे सु²ढ़ किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसकी सकारात्मकता को देखते हुए विभागीय बैठक में जिले में पोषण वाटिका की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया है। जैसे ही विभाग इस दिशा में निर्देश देती है जिले में पोषण वाटिका की संख्या और बढ़ाई जाएगी।
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कृषि विज्ञान केंद्र की निगरानी में चल रही हैं पोषण वाटिकाएं
120 पोषण वाटिकाएं कृषि विज्ञान केंद्र की निगरानी में फल-फूल रही हैं। कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से उन्नत बीजों की एक-एक किट प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र को दिया जाता है। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान डा. अनिता कुमारी ने बताया कि अपनी क्यारी, अपनी थाली योजना के तहत 120 पोषण वाटिकाएं संचालित की जा रही है। यहां उत्पादित फलों व सब्जियों से आंगनबाड़ी केंद्रों के लाभुकों को पौष्टिक आहार मिल रहा है। बाढ़ के कारण 10 से 15 पोषण वाटिकाएं प्रभावित हुई है।
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जिले में 1758 सक्रिय आंगनबाड़ी केंद्र जिले में 1758 सक्रिय आंगनबाड़ी केंद्र हैं। आइसीडीएस के जिला समन्वयक अंबुज कुमार ने बताया कि जिले में 1777 प्रस्तावित आंगनबाड़ी केंद्र हैं। इसमें 1758 वर्तमान में चलाए जा रहे हैं। जिले के इन आंगनबाड़ी केंद्रों से एक लाख 60 हजार निबंधित बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि एक आंगनबाड़ी केंद्र की क्षमता औसतन 40 बच्चे की होती है।
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बीते एक वर्ष से आंगनबाड़ी केंद्रों पर मिल रहे पौष्टिक लड्डू आइसीडीएस के डीपीओ ऐश्वर्याश्री ने बताया कि पूर्व से आंगनबाड़ी केंद्रों के पोषण क्षेत्र में आने वाले बच्चों, गर्भवती और धात्री माताओं को नाश्ते में अंकुरित चना, गुड़, अंडा, दूध आदि और दोपहर के भोजन में गर्म चावल, पुलाव, सूजी का हलवा, रसिया, खिचड़ी दिया जाता था। लेकिन लाकडाउन के दौरान गर्म पका भोजन बंद होने के कारण लाभार्थियों में पोषक तत्व की कमी नहीं रह जाए, इसके लिए राई, आटा, गुड़, तिल आदि के मिश्रण से बने पौष्टिक लड्डू और सत्तू के लड्डू का वितरण गृह भ्रमण के दौरान कराया जाता था। जिसे अब दोपहर के भोजन में शामिल कर लिया गया है।