बात-बात में पुलिस को किया जा रहा टारगेट, सकते में अधिकारी
खगड़िया । खुद की गलती से मरने के बाद भी कई बार लोग कानून को हाथों में लेकर रोड़ेबाजी
खगड़िया । खुद की गलती से मरने के बाद भी कई बार लोग कानून को हाथों में लेकर रोड़ेबाजी करने लगते हैं। जब पुलिस केस दर्ज करती है तो अपने को निर्दोष बताने की कोशिश की जाती है। पुलिस की फाइल मोटी होती जा रही है। हाल के दिनों में तीन घटनाक्रम से पुलिस भी हैरत में है। आक्रोशित लोगों ने पुलिस पर आरोप लगाकर रोड़ेबाजीकी। इसमें असामाजिक तत्वों की भूमिका अब्बल है।
दो दिनों पहले गंगौर ओपी अंतर्गत खडगी तेरासी गांव में अबोध दर्शन कुमार का शव एक सोती में मिला। स्वजन के साथ अन्य लोग उग्र हो उठे। आरंभिक तौर पर पुलिस मान रही थी कि दर्शन की मौत डूबने से हुई होगी। बावजूद स्वजन आक्रोशित होकर पुलिस से उलझ गए। पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया और दो को आनन-फानन में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। दारोगा हरेंद्र सिंह द्वारा भी केस दर्ज किया गया। जिसमें सरकारी काम में बाधा समेत अन्य आरोप के तहत मृतक के पिता संजीत कुमार व रामउदगार सिंह, विजय कुमार समेत खडगी तेरासी के 13 लोगों को आरोपित किया गया। संजय कुमार, हरिपुर, अलौली को भी आरोपित किया गया। अब आरोपित किए गए कई का कहना है वे निर्दोष हैं। घटना को अंजाम देने के समय यदि ये लोग संयम से काम लेते तो दर्शन के स्वजन को मुआवजा राशि भी मिल जाती। एक पखवारा पहले बेला सिमरी नानी घर आए माड़र के युवक की डूबने से मौत हो गई। दूसरे दिन एसडीआरएफ और पुलिस द्वारा शव बरामद किया गया। स्थानीय कुछेक असामाजिक तत्वों द्वारा पुलिस पर आरोप लगाया गया कि पुलिस पीछा करने लगी। इसलिए वह नदी में कूद गया और मर गया। लोगों ने पुलिस पर रोड़ेबाजी भी कर दी। घटना को अंजाम देने से पहले लोगों ने इस ओर विचार नहीं किया कि यदि पुलिस पीछा कर भी रही थी और युवक निर्दोष था तो क्यों पुलिस को देखकर भागने लगा और नदी में कूद गया। पुलिस द्वारा चार दर्जन से अधिक पर केस दर्ज किया गया। जिसमें कई को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। दो महीना पहले नगर पुलिस एक आरोपित को गिरफ्तार करने संसारपुर के एक लाइन होटल पर गई। वहां पुलिस को देखकर अमित ठाकुर नदी की ओर भागा और नदी में छलांग लगा दिया। जिससे उसकी मौत हो गई और दूसरे दिन उसका शव मिलते ही असामाजिक तत्वों द्वारा पुलिस पर आरोप लगाते हुए एनएच 31 को जाम कर दिया गया। बेगूसराय पुलिस पर भी हमला कर दिया। इस मामले में कई केस दर्ज हुए। कई को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। अब इसमें कई अपने को निर्दोष बता रहे हैं। इस तरह के घटनाक्रम से पुलिस भी सकते में है कि कहीं न कहीं असामाजिक तत्व अफवाह फैलाने में सफल हो जा रहा है। पुलिस ऐसे असामाजिक तत्वों पर मजबूत कार्रवाई को लेकर सक्रिय है। कोट
कानून को हाथों में लेने वाले चाहे जितना भी ताकतवर क्यों न हो, बख्से नहीं जाएंगे। किन्हीं को कोई शिकायत हो तो कानून के दायरे में रहकर शिकायत कर सकते हैं। जांच में सही पाने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी।
अमितेश कुमार, एसपी, खगड़िया।