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प्रधानमंत्री ने पूछा कुशल-क्षेम, तेलिहार में बना इतिहास

लीड फोटो 52 53 54 व 55 --------------------- = यह तेलिहार का बेलदौर का सबसे बढ़कर खगड़िया का सौभाग्य है यह ऐतिहासिक तिथि है अनिल सिंह (मुखिया तेलिहार) संवाद सूत्र

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Jun 2020 08:21 PM (IST)Updated: Sat, 20 Jun 2020 08:55 PM (IST)
प्रधानमंत्री ने पूछा कुशल-क्षेम, तेलिहार में बना इतिहास
प्रधानमंत्री ने पूछा कुशल-क्षेम, तेलिहार में बना इतिहास

बेलदौर (खगड़िया)। कोसी-बागमती किनारे बसे तेलिहार में शनिवार, 20 जून को इतिहास रचा गया। इस पंचायत से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब कल्याण रोजगार अभियान को लॉन्च किया। आकाश में बादल छाए थे, लेकिन इंद्रदेव गरजे-बरसे नहीं, उन्होंने भी उल्लास के इस अवसर पर तेलिहार के लोगों का साथ दिया। कोसी-बागमती मंगल गीत गा रही थी। जिन्होंने संवाद में भाग लिया वे भी और जो इसमें शामिल नहीं हुए वे भी उल्लसित थे। आखिर इस राष्ट्रीय अभियान की शुरुआत जो उनके गांव से हुई। संवाद कार्यक्रम में पंचायत के 15 लोग शामिल हुए, जिनमें पांच से पीएम ने संवाद किया। इनमें स्मिता, अनीला, चंदन, जनार्दन शर्मा और रीता देवी शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने मौके पर रोजी-रोजगार को लेकर भी बात की। नीतू ने कहा कि इस कार्यक्रम से उत्साह बढ़ा है।

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मालूम हो कि नीतू गांव में सौंदर्य प्रसाधन की दुकान चला रही हैं। वे जीविका से जुड़ी हुई हैं और आज स्वाबलंबी हैं। 15 हजार के आसपास पर महीना उनकी आय है। नीतू ने कहा कि, यह संवाद न सिर्फ प्रवासियों के लिए, बल्कि महिला सशक्तीकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। गुड़गांव से लॉकडाउन में तेलिहार लौटे जनार्दन शर्मा की खुशी का ठिकाना नहीं था। प्रधानमंत्री ने उनसे कुशल-क्षेम पूछा। कहा कि ट्रेन से लौटने में कोई दिक्कत तो नहीं हुई। ट्रेन में जगह मिला कि नहीं। जनार्दन शर्मा ने कहा कि आराम से आए।तेलिहार मुखिया अनिल सिंह भी प्रफुल्लित थे। चार जनवरी को यहां जल जीवन हरियाली यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आए थे। बैसी जलकर के सौंदर्यीकरण का उन्होंने शिलान्यास किया था और 20 जून को प्रधानमंत्री ने यहां से राष्ट्रव्यापी अभियान की शुरुआत की। अनिल सिंह ने कहा, यह तेलिहार का, बेलदौर का, सबसे बढ़कर खगड़िया का सौभाग्य है। यह ऐतिहासिक तिथि है। अनिल सिंह जब गांव में लोगों से यह कह रहे थे, तो बगल में बह रही कोसी-बागमती भी कलकल-छलछल करती खुशी का इजहार कर रही थी।


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