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फुट ओवर ब्रिज हुआ बेकार, जोखिम है बरकरार

खगड़िया स्टेशन राजस्व के मामले में अव्वल है। यह सहरसा-समस्तीपुर रेलखंड और बरौनी-कटिहार रेलखंड से जुड़ा हुआ है। लेकिन कुछ बातें ऐसी हैं जिसका निदान जरूरी है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 05:36 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 05:36 PM (IST)
फुट ओवर ब्रिज हुआ बेकार, जोखिम है बरकरार
फुट ओवर ब्रिज हुआ बेकार, जोखिम है बरकरार

जागरण संवाददाता, खगड़िया : खगड़िया स्टेशन राजस्व के मामले में अव्वल है। यह सहरसा-समस्तीपुर रेलखंड और बरौनी-कटिहार रेलखंड से जुड़ा हुआ है। लेकिन कुछ बातें ऐसी हैं जिसका निदान जरूरी है। रेलवे ने सन्हौली ढाला से बाजार जाने के लिए फुट ओवर ब्रिज का निर्माण कराया, लेकिन तकनिकी गड़बड़ी के कारण यह अनुपयोगी साबित हुआ है। ओवर ब्रिज की ऊंचाई अधिक रहने और सीढ़ी के स्टेप की दूरी सही नहीं होने के कारण इससे होकर आवागमन करना मुश्किल है। दरअसल सन्हौली ग्रामवासी रोजमर्रा के सामान खरीदने के लिए रेलवे लाइन को पारकर बाजार जाया करते थे। जिसके कारण ट्रेन की चपेट में आने से कई घटनाएं रेलवे लाइन पर हो चुकी थी। जिसको लेकर रेलवे ने फुट ओवर ब्रिज का निर्माण कराया, जो बेकार हो गया। आज रेलवे के उत्तरी छोड़ पर चाहरदीवारी खड़ी कर दी गई है। ताकि लोग रेलवे लाइन को आर-पार नहीं कर सके। बावजूद सैकड़ों लोग रेलवे लाइन पारकर बाजार रोजमर्रा के सामान खरीदने जाया करते हैं। जिसके लिए ना तो आरपीएफ सख्ती दिखाती है और ना ही जीआरपी के जवानों द्वारा इस पर लगाम लगाया जा रहा है। ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले दिनों में बड़ी घटनाएं घट सकती है।

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--------- जान जोखिम में डालकर दो नंबर प्लेटफार्म से यात्री जाते हैं अपने घर

प्लेटफार्म संख्या दो पर जैसे ही ट्रेन लगती है यात्रियों की झुंड आटो, ई- रिक्शा पकड़ने के लिए सन्हौली ढाला की तरफ दौड़ पड़ती हैं। दरअसल रैक पाइंट से कचहरी रोड और सन्हौली जाने वाली सड़क पर ई-रिक्शा और आटो स्टैंड बना दिया गया है। जो रैक पाइंट से फुट ओवर ब्रिज तक सड़क किनारे फैल गया है। किनारे दर्जनों फुटकर विक्रेताओं ने अपनी दुकानें सजा रखी है। सूत्रों की माने तो इन ई- रिक्शा चालकों और दुकानदारों से आरपीएफ के दलालों द्वारा रोजाना पैसे की उगाही की जाती है। प्रत्येक दुकानदारों से 35 रुपये प्रतिदिन और ई- रिक्शा चालक से 20 रुपये प्रतिदिन वसूले जाते हैं। ई- रिक्शा चालक की माने तो प्लेटफार्म संख्या दो के लिए एक दलाल हैं। जो सभी चालकों से पैसे की उगाही करते हैं। कोट

किसी प्रकार की अवैध उगाही का मामला नहीं है और ना ही इसमें आरपीएफ का कोई जवान शामिल है। अगर कोई ऐसा कर रहा हैं तो उसके खिलाफ सबूत मिलने पर कार्रवाई होगी।

अरविद राम, आरपीएफ इंस्पेक्टर, खगड़िया।


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