बदले की भावना से काम कर रही मोरकाही पुलिस
बदले की भावना से काम कर रही है मोरकाही पुलिस। जिसे थाना स्तर से जमानत देने का प्रावधान है उसे जबरदस्ती जेल भेजकर पुलिस मनमानी कर रही है।
जागरण संवाददाता, खगड़िया: बदले की भावना से काम कर रही है मोरकाही पुलिस। जिसे थाना स्तर से जमानत देने का प्रावधान है उसे जबरदस्ती जेल भेजकर पुलिस मनमानी कर रही है। उक्त आरोप राजद एससी-एसटी के जिलाध्यक्ष किशोर दास ने लगाया है। आरोप है कि दो पक्षों में मारपीट हुई। सदर अस्पताल के डाक्टर द्वारा सभी का जख्म प्रतिवेदन दिया गया। जख्म प्रतिवेदन मोरकाही पुलिस कई दिन पहले रिसीव भी कर ली, मगर विपक्षी के कहने और उनके गलत कार्यों का विरोध करने पर थानाध्यक्ष ने इसे इगो बना लिया और वरीय अधिकारी को भ्रम में रखकर जेल भेज दिया गया। जिलाध्यक्ष किशोर दास का कहना हुआ कि उनके विपक्षी सरकारी नौकरी में है। रोज डयूटी कर रहे हैं। उनपर भी उसी धारा में एसडीपीओ द्वारा केस सत्य करार दिया गया था, जिस धारा में उनके स्वजनों पर किया गया था। फिर जख्म प्रतिवेदन आया। विपक्षी को गिरफ्तार नहीं कर उनके छोटे भाई को गिरफ्तार कर लिया गया और जेल भेज दिया गया। थानाध्यक्ष पर यह भी आरोप लगाया कि बेगूसराय के डाक्टर के सादे कागज पर जिस रिपोर्ट को सदर अस्पताल के सरकारी डाक्टर द्वारा खारिज कर दिया गया उसे जांचकर्ता से डायरी पर लिखवाकर उनके भाई को जेल इसलिए भेज दिया गया कि बछौता की एक सरकारी जमीन को मोटी राशि लेकर थानाध्यक्ष घेराबंदी करवा रहे थे और उनके भाई ने विरोध किया था। उन्होंने कहा कि कानून को मजाक बनाने वाले पुलिसकर्मी के खिलाफ वरीय अधिकारी को अवगत कराकर न्याय की गुहार लगाएंगे। इधर मोरकाही थानाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि सदर अस्पताल से प्राप्त जख्म प्रतिवेदन सिम्पल है। मुख्यालय डीएसपी को इस आलोक में जानकारी दी गई। उन्होंने गिरफ्तार आरोपित को जेल भेजने के आदेश दिए। ऐसे में जेल भेजना उनकी विवशता थी, वे अपने स्तर से कुछ नहीं करेंगे। उनका यह भी कहना हुआ कि पीड़ित को रेफर किया गया था, इसलिए भी आरोपित को जेल भेजना जरूरी था।