किसानों की समस्या को लेकर होगा आंदोलन
खगड़िया। पहले उचित मूल्य नहीं मिलने से मक्का बर्बाद हुआ फिर खरीफ को बाढ़ ने डूबो दिया। ि
खगड़िया। पहले उचित मूल्य नहीं मिलने से मक्का बर्बाद हुआ, फिर खरीफ को बाढ़ ने डूबो दिया। बिहार के किसान आज बदहाल है। राजनीतिक दलों के कोई नेता सदन के पटल पर आवाज उठाने वाले नहीं है।
उक्त बातें फुलवरिया में किसान पंचायत को संबोधित करते हुए बिहार किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष व राष्ट्रीय किसान समन्वय समिति के बिहार प्रभारी धीरेंद्र सिंह टुडू ने किसानों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा किसानों की आर्थिक स्थिति खराब है। कृषि पर आधारित उद्योग नहीं है। 44 चीनी मिलों में मात्र 8 ही मिल बिहार में चालू है। कटिहार का जूट मिल, कूट मिल, पेपर मिल, सहित भागलपुर का सिल्क उद्योग बंद है। बिहार से कृषक व मजदूर का पलायन रोकने के लिए ठोस कदम नहीं उठाया गया। कृषि विकास दर आज संतोषजनक नहीं है। कृषि विकास दर में 3.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। बावजूद कृषि की उपेक्षा की जा रही है। उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को लागू नहीं करना, न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून का दर्जा नहीं देना, उर्वरक सब्सिडी में कटौती करना, देश के किसानों के साथ अन्याय है। उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद कृषि आधारित बंद पड़े उद्योग को खोलने और नये उद्योग का सृजन, फसल क्षतिपूर्ति, फसल सहायता की राशि की मांग, ऋण माफी, स्वामीनाथन कमिटी की रिपोर्ट को लागू करने आदि मांगों के समर्थन में चरणबद्ध आंदोलन आरंभ किया जाएगा। किसान पंचायत सभा की अध्यक्षता बालतारा पंचायत के मुखिया मृत्युंजय सिंह व मंच संचालन राम विलाश सिंह ने की। इस अवसर पर लेखो कुमार, अनिल कुमार यादव, विमल पंडित, कारेलाल सिंह आदि मौजूद थे।