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26 साधक निर्जला रहकर मां की आराधना में तल्लीन

खगड़िया। इसे मां का प्रताप कहें विज्ञान की चुनौती या कुछ और। यहां श्रद्धालु लगातार पूरे नवर

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Oct 2021 08:51 PM (IST)Updated: Mon, 11 Oct 2021 08:54 PM (IST)
26 साधक निर्जला रहकर मां की आराधना में तल्लीन
26 साधक निर्जला रहकर मां की आराधना में तल्लीन

खगड़िया। इसे मां का प्रताप कहें, विज्ञान की चुनौती या कुछ और। यहां श्रद्धालु लगातार पूरे नवरात्र तक निर्जला व्रत रखते हैं। नयागांव शिरोमणि टोला दुर्गा मंदिर की महिमा अपरंपार है। यहां की मां दुर्गा मनोकामना देवी के रूप में जानी जाती हैं। इसे साधना स्थली भी माना जाता है। मान्यता है कि जिसने भी मां से सच्चे दिल से जो कुछ मांगा, साधना की, उनकी मन्नतें जरूर पूरी हुई। मुरादें पूरी होने पर श्रद्धालु यहां शारदीय नवरात्र में निर्जला व्रत रखते हैं। वे 10 दिनों तक पूरी तरह निर्जला रहकर मां की आराधना करते हैं। अभी 26 साधक निर्जला व्रत में हैं

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अभी नयागांव-शिरोमणि दुर्गा मंदिर में संजू भारती, प्रतिमा देवी, शिवानी देवी, मंजू देवी, चंदा देवी, पंपी देवी, लक्ष्मी देवी, रेणु देवी, सोनी देवी, सिद्धू देवी, रामप्यारी, पूनम देवी, मंजू देवी, सुनैना देवी, रीता देवी, चंद्रकला देवी समेत 26 श्रद्धालु यहां निर्जला रहकर मां की आराधना में तल्लीन हैं। इन व्रतियों में एक पुरुष भी हैं। इन साधकों में स्थानीय समेत कन्हैयाचक, अगुवानी डुमरिया आदि जगहों के भी हैं। व्रतियों की सुनिए..

सोनी देवी कहती हैं-माता की महिमा निराली है। यहां से कोई खाली हाथ नहीं लौटे हैं। बस, सच्चे दिल से मांगिए, मां जरूर मनोकामना पूरी करेंगी। शिवानी देवी ने कहा, मां साक्षात हैं। व्रती लक्ष्मी देवी ने बताया कि, 17 वर्ष पूर्व मेरा बेटा घर से भाग गया था। मां से गुहार लगाई, बेटा वापस आ गया। तबसे हर शारदीय नवरात्र में कलश स्थापन के दिन से विजयादशमी की संध्या तक निर्जला रहकर मां की आराधना करती हूं। जब प्रतिमा का विसर्जन हो जाता है, तो व्रत तोड़ती हूं। प्रतिदिन करते हैं गंगा स्नान

जितने भी व्रती हैं वे प्रतिदिन गंगा स्नान करते हैं। गंगा स्नान कर मंदिर आते हैं और मां की भक्ति में तल्लीन हो जाते हैं। अगर किन्हीं व्रती को अधिक परेशानी होती है, तो उन्हें माथे पर बर्फ दिया जाता है। मंदिर के पास हजार लीटर का फ्रीजर है। जिसमें बर्फ रखा रहता है। शिरोमणि दुर्गा मंदिर समिति के सदस्य रजनीश सिंह कहते हैं- सभी व्रती कुमारिका कक्ष में रहते हैं। इस कक्ष में एसी लगा हुआ है। मंदिर करीब 93 वर्ष पुराना है। इसका स्वरूप विध्यवासिनी मां दुर्गा मंदिर की है। यहां की मां अष्टभुजी है। मंदिर में मां की स्थाई प्रतिमा है। शारदीय नवरात्र में मिट्टी की प्रतिमा भी बनाई जाती है।

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मेडिकल साइंस के हिसाब से कोई भी व्यक्ति 10 दिनों तक बिना पानी का नहीं रह सकता है। अगर कोई व्यक्ति नित्य गंगा स्नान करते हैं अथवा माथे पर बर्फ रखते हैं, तो शरीर पानी आब्जर्व करता है।

डा. दीपक, दादा जेपी अस्पताल।


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