सोयाबीन की फसल पर केटर पिलर का हमला, किसान ¨चतित
खगड़िया। पहले ठंड-पाला के कारण पान और मकई की फसल बर्बाद हुई। उसके बाद बाढ़ में ह
खगड़िया। पहले ठंड-पाला के कारण पान और मकई की फसल बर्बाद हुई। उसके बाद बाढ़ में हजारों एकड़ में लगी फसलें डूब गई। और अब सोयाबीन की फसल पर केटर पिलर (तंबाकू इल्ली) नामक कीट ने हमला बोल दिया है। किसान त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। खेतों में खड़ी सोयाबीन की पत्तियों, डंठल व छिमड़े को कीड़े काट रहे हैं।
जिले में कुल 2293 हेक्टेयर में सोयाबीन की खेती होती है। सिर्फ गोगरी प्रखंड में 1108 हेक्टेयर में सोयाबीन की खेती हुई है। पसराहा, गौछारी, पकरैल, राटन आदि पंचायत में मुख्य रूप से इसकी खेती की जाती है। वर्तमान में सोयाबीन के पौधे में छिमड़ी निकलकर पुष्ट हो रहे थे कि केटर पीलर का प्रकोप शुरू हो गया है। गौछारी में सौ बीघा के आसपास सोयाबीन की फसल नष्ट हो गई है। किसानों के अनुसार कीटनाशक के छिड़काव के बावजूद कोई असर नहीं पड़ रहा है। गौछारी के किसान महेंद्र प्रसाद ¨सह, नरेश प्रसाद, र¨वद्र ¨सह, रामचरित्र ¨सह आदि के अनुसार कीड़े ने सोयाबीन की फसल को तबाह कर दी है।
गोगरी बीएओ राजेश कुमार के अनुसार यहां बड़े पैमाने पर सोयाबीन की खेती की जा रही है। गौछारी, पकरैल, दुखाटोल आदि के किसानों ने फसल में कीड़े लगने की जानकारी दी है। फसल पर केटर पिलर का अटैक हुआ है। इससे उत्पादन पर गहरा असर पर सकता है। इसका उपचार आवश्यक है।
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जिले में सोयाबीन की खेती का आंकड़ा
सदर प्रखंड: 262 हेक्टेयर
अलौली:148 हेक्टेयर
मानसी: 326 हेक्टेयर
चौथम: 149 हेक्टेयर
गोगरी: 1108 हेक्टेयर
परबत्ता:153 हेक्टेयर
बेलदौर:147 हेक्टेयर
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केटर पिलर से बचाव के उपाय
केटर पिलर मतलब तंबाकू इल्ली के प्रभाव को रोकने के लिए इसका उपचार गंभीरता से करना आवश्यक है। बीएओ राजेश कुमार ने कहा कि इसके लिए मिथाइल पैराथियान या क्यूनालफॉस का छिड़काव करें। छिड़काव करने से पूर्व कृषि पदाधिकारी, कृषि वैज्ञानिक से सलाह जरूर ले लें।