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अभी भी ब्रिटिश जमाने में है मानसी-सहरसा रेलखंड

खगड़िया। रेल यातायात के मामले में 'कोसी का द्वार' कहा जाने वाला मानसी-सहरसा रेलखंड आज भी उपेक्षा का द

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 Dec 2017 12:55 AM (IST)Updated: Thu, 07 Dec 2017 12:55 AM (IST)
अभी भी ब्रिटिश जमाने में है मानसी-सहरसा रेलखंड
अभी भी ब्रिटिश जमाने में है मानसी-सहरसा रेलखंड

खगड़िया। रेल यातायात के मामले में 'कोसी का द्वार' कहा जाने वाला मानसी-सहरसा रेलखंड आज भी उपेक्षा का दंश झेल रहा है। विकास के दौर में सुविधा विहीन यह रेलखंड ब्रिटिश जमाने की याद ताजा कर रहा है। कहने को तो इस रेलखंड को बड़ी लाइन में परिवर्तित कर बना दिया गया परंतु, अभी भी लोग रेल लाइन के दोहरीकरण का इंतजार कर रहे हैं।

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देखें इस रेलखंड की स्थिति

मानसी-सहरसा रेलखंड में सुविधाओं की तलाश की जाए तो मानसी के बाद सहरसा जंक्शन पर ही यात्रियों को सुविधाएं मिलती है। इस रेलखंड पर सिमरी बख्तियारपुर स्टेशन को छोड़कर किसी स्टेशन के प्लेटफार्म को ऊंचा नहीं किया गया है। हाल के दिनों में धमारा घाट एवं सिमरी बख्तियारपुर स्टेशन पर ही रेल लाइन पार करने के लिए फुटओवर ब्रिज की व्यवस्था की गई है। वहीं, इस रेलखंड पर प्लेटफार्म संख्या दो की बात की जाए तो एक या दो स्टेशनों को छोड़कर अन्य पर यह सुविधा नहीं है।

नहीं पूरा हो सका है धमारा घाट स्टेशन के सौंदर्यीकरण का कार्य

पिछले तीन वर्ष से धमारा घाट स्टेशन पर सौंदर्यीकरण का कार्य मंथर गति से चल रहा है। इस दौरान सिर्फ फुट ओवर ब्रिज का ही निर्माण कार्य पूर्ण हो सका है। वहीं, प्लेटफार्म संख्या दो का निर्माण नहीं होने से इस स्टेशन पर यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है। हाल यह है कि प्लेटफार्म संख्या दो पर कार्य भी अबतक ठीक से शुरू नहीं हो सकी है। जिससे स्थानीय लोगों में रेलवे के प्रति आक्रोश है।

नहीं है कई स्टेशनों पर यात्री सुविधा

मानसी-सहरसा रेलखंड के कई स्टेशन व हॉल्ट पर शुद्ध पेयजल, शौचालय सहित यात्रियों के बैठने के लिए बैंच आदि की सुविधा नहीं है। जबकि, यह मांग वर्षों से की जा रही है। इसी रेलखंड के फनगो हॉल्ट पर एक अदद प्लेटफार्म का निर्माण नहीं हो सका है। जिसके कारण अभी भी लोग पेड़ के नीचे खड़े होकर ही टिकट कटाकर ट्रेन का इंतजार करते हैं।

इसी तरह कोपरिया में भी अब तक प्लेटफार्म को ऊंचा नहीं किया जा सका है। हॉल्ट नहीं, स्टेशन होते हुए भी यहां यात्री सुविधाओं का टोटा है। वहीं, सिमरी बख्तियारपुर स्टेशन के बाद सोनवर्षा कचहरी व परमिनिया हॉल्ट पर भी यात्री रेलवे लाइन के बगल में खड़े होकर ट्रेन का इंतजार करते हैं। बदला घाट, सिमरी बख्तियारपुर, सोनवर्षा कचहरी स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या दो पर अब तक शेड का निर्माण नहीं हुआ है।

क्षेत्र के लोगों की सुनें

जिला परिषद उपाध्यक्ष मिथिलेश यादव, पंसस अनिल कुमार ¨सह, सरसवा शिशवा के सुभाष यादव, बुच्चा के पूर्व मुखिया उपेंद्र प्रसाद, युवा शक्ति जिलाध्यक्ष चंदन ¨सह आदि कहते हैं कि एक तरफ केंद्र सरकार देश में बुलेट ट्रेन चलाने की बात कर रहे हैं, दूसरी तरफ मानसी-सहरसा रेलखंड पर अभी भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। धमारा घाट स्टेशन पर पिछले तीन वर्ष से सौंदर्यीकरण का कार्य चल रहा है, लेकिन यह पूर्ण नहीं हो सका है। यह रेलवे की उदासीनता का परिचायक है।

-कोट-

धमारा घाट स्टेशन पर जल्दी ही सौंदर्यीकरण का कार्य आरंभ होगा। सिमरी बख्तियारपुर, कोपरिया व सोनवर्षा में कार्य पूर्ण होने की स्थिति में है। प्लेटफार्म पर छोटे-छोटे शेड का निर्माण भी किया जाएगा।

-आरके जैन, डीआरएम, समस्तीपुर


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