खगड़िया में भगवान भरोसे बाढ़ से त्रस्त लोग
जिले में कोसी-कमला और बागमती उफान पर है। बाढ़ का पानी नित्य नए इलाके में प्रवेश कर रहा है। प्रतिदिन डूबने से लोगों की मौतें हो रही हैं।अब तक सिर्फ बेलदौर प्रखंड में नौ लोगों की मौत डूबने से हुई है। जबकि चौथम प्रखंड में भी दो लोगों की मौत डूबने से हो चुकी है। बाढ़ से तबाही का आलम है। दर्जनों गांवों का सड़क संपर्क प्रखंड मुख्यालयों से भंग है।प्रशासन का राहत को लेकर अपने दावे हैं जबकि धरातल पर स्थिति भयावह है।
खगड़िया। जिले में कोसी-कमला और बागमती उफान पर है। बाढ़ का पानी नित्य नए इलाके में प्रवेश कर रहा है। प्रतिदिन डूबने से लोगों की मौतें हो रही हैं।अब तक सिर्फ बेलदौर प्रखंड में नौ लोगों की मौत डूबने से हुई है। जबकि चौथम प्रखंड में भी दो लोगों की मौत डूबने से हो चुकी है। बाढ़ से तबाही का आलम है। दर्जनों गांवों का सड़क संपर्क प्रखंड मुख्यालयों से भंग है।प्रशासन का राहत को लेकर अपने दावे हैं, जबकि धरातल पर स्थिति भयावह है। अधिकारी और जनप्रतिनिधि झांकने तक नहीं आ रहे अलौली प्रखंड के चिकनी महादलित टोला बाढ़ से प्रभावित है। यहां के बिदेश्वरी सदा, अरविद सदा, राजाराम सदा, फोटो सदा कहते हैं- भगवान भरोसे रह रहे हैं। चारों ओर पानी है। सांप-बिच्छू का भय सता रहा है। एक भी अधिकारी और जनप्रतिनिधि देखने तक नहीं आए हैं। बीते रविवार को सामाजिक कार्यकर्ता रजनीकांत और उनके साथियों ने आकरढाई किलो चूड़ा, आधा किलो शक्कर, मोमबत्ती, सलाई, डिटोल साबुन और बिस्कुट दिया। लेकिन प्रशासन सुध नहीं ले रहा है। हालांकि अलौली सीओ प्रमोद कुमार कहते हैं कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में 19 नावें चलाई जा रही है। बाढ़ प्रभावितों के बीच राहत कार्य जारी है।
दूसरी ओर बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का सघन दौरा करने बाद सामाजिक कार्यकर्ता रजनीकांत ने कहा कि अलौली के दर्जनों गांव बाढ़ से त्रस्त है। चेराखेरा पंचायत के उत्तरी बोहरवा में कमला-बागमती नदी का कटाव चरम पर है। लेकिन प्रशासन उदासीन है। रजनीकांत के अनुसार लक्ष्मी बिद, अभ्यास बिद, नरेश बिद, सूरज बिद, उमेश बिद, हरेराम बिद समेत 25 लोगों के घर नदी में समा चुके हैं। लेकिन उन्हें पुनर्वासित नहीं किया गया है। अधिकांश लोग अब भगवान भरोसे हैं। पानी बढ़ता जा रहा है और लोग पलायन कर रहे हैं।