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शहर डूबने पर ही हुजूर मानते हैं आई है बाढ़

कई पंचायतों के लोग भगवान भरोसे बाढ़-बरसात का समय दिन काटते हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 01:24 PM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 01:24 PM (IST)
शहर डूबने पर ही हुजूर मानते हैं आई है बाढ़
शहर डूबने पर ही हुजूर मानते हैं आई है बाढ़

खगड़िया (निर्भय)। जिले में बांध-तटबंधों की लंबी श्रृंखला के बावजूद लगभग तीन दर्जन ऐसी पंचायतें हैं, जो साल-दो साल बाद बाढ़ के पानी से घिर जाती हैं। परंतु, सरकार की ओर से वहां राहत कार्य नहीं चलाए जाते हैं। बहुत हुआ, तो दो-चार नाव देकर कर्तव्य की इतिश्री कर ली जाती है। इन पंचायतों के लोग भगवान भरोसे बाढ़-बरसात का समय काटते हैं। सरकार बांध-तटबंध टूटने के बाद पानी आने को ही बाढ़ मानती है।

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ये पंचायतें बाढ़ से हैं प्रभावित

गंगा और बूढ़ी गंडक की बाढ़ से अभी सदर प्रखंड की रहीमपुर उत्तरी, मध्य तथा रहीमपुर दक्षिणी पंचायत घिरी हुई है। जबकि परबत्ता प्रखंड के तेमथा करारी पंचायत की शर्मा टोला, अरगल्ला टोला, सौढ़ दक्षिणी के विकास नगर, भरतखंड ड्योढ़ी, सौढ़ उत्तरी के कोरचक्का, कबेला के जागृति टोला, भरसों-कुल्हड़िया पंचायत की सलारपुर गांव बाढ़ की चपेट में है। गोगरी प्रखंड की संपूर्ण बौरना पंचायत बाढ़ग्रस्त है। गोगरी पंचायत की इमादपुर, लतामबाड़ी और फतेहपुर छोड़ संपूर्ण रामपुर पंचायत बाढ़ प्रभावित है। इटहरी पंचायत भी बाढ़ की चपेट में है और कई ग्रामीण सड़कें ध्वस्त हो चुकी है। आवागमनको लेकर परेशानियों का सामना पीड़ित कर रहे हैं। गोगरी नगर पंचायत की वार्ड आठ और 11 भी गंगा के पानी से घिरे हैं। जबकि कोसी और काली कोसी की बाढ़ से बेलदौर प्रखंड की इतमादी, कुर्बन, दिघौन और कंजरी पंचायत प्रभावित रही है।

बाढ़ पीड़ितों की सुनें

सौढ़ दक्षिणी पंचायत की भरतखंड ड्योढ़ी के कैलाश मंडल, विलास मंडल ने बताया कि आठ दिनों से बाढ़ के पानी से घिरा हूं, परंतु किसी भी प्रकार की राहत मुहैया नहीं कराई गई है। प्रशासन शहर डूबने पर ही बाढ़ मानती है। सलारपुर के सुलेखा खातून, ज्योति खातून और सदानंद पासवान ने बताया कि बाढ़ के कारण नारकीय जीवन जीने को विवश हैं, परंतु अधिकारी झांकने तक नहीं आए हैं, राहत तो दूर की बात है। सौढ़ दक्षिणी स्थित विकास नगर के रामबरण मंडल, विनोद मुनि, पृथ्वी मुनी, खोखा मुनी आदि ने बताया कि लगभग दो सप्ताह से बाढ़ का पानी है। एक भी अधिकारी हालचाल भी जानने नहीं आए हैं। विकट स्थिति में हमलोग रह रहे है।

कोट

' बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में 31 नावें चलाई जा रही है। 23 गोगरी और आठ परबत्ता प्रखंड में। राहत को लेकर विचार किया जा रहा है।'

सुभाषचंद्र मंडल, एसडीओ, गोगरी।


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