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कोविड को लेकर डीएम ने की गहन समीक्षा

खगड़िया । जिले में कोरोना विस्फोट जारी है। अब तक 24 लोगों की जानें इस जानलेवा बीमारी से जा

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 10:07 PM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 10:07 PM (IST)
कोविड को लेकर डीएम ने की गहन समीक्षा
कोविड को लेकर डीएम ने की गहन समीक्षा

खगड़िया । जिले में कोरोना विस्फोट जारी है। अब तक 24 लोगों की जानें इस जानलेवा बीमारी से जा चुकी है। हालांकि, राहत की बात यह है कि बीते दो दिनों से परबत्ता प्रखंड में कोरोना पॉजिटिव नहीं पाए जा रहे हैं।

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इधर, गुरुवार को डीएम डॉ. आलोक रंजन घोष ने कोविड केयर सेंटर एवं डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में भर्ती संक्रमित मरीजों की उपचार पद्धति व मृत मरीजों के मृत्यु के कारणों की गहन समीक्षा की। सिविल सर्जन द्वारा जिलाधिकारी के निदेशों के अनुपालन एवं उनके स्तर से अब तक उठाए गए कदमों की जानकारी भी ली गई। डीएम की ओर से महत्वपूर्ण निदेश दिए गए।

कोविड के उपचार हेतु संस्थागत व्यवस्था के तहत मानक प्रक्रिया का पालन करने को कहा गया। डीएम ने निदेश दिया कि प्रत्येक मरीज की पृथक फाइल खोली जाए और इसमें उसके वाइटल्स दर्ज किए जाएं। भर्ती के समय उसका ऑक्सीजन स्तर कितना था, नब्ज कितनी थी, इलाज के दौरान उसकी तबीयत स्थिर है, इसमें सुधार हो रहा है या हालत खराब हो रही है, यह दर्ज हो। कोविड केयर सेंटर और डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में आठ-आठ घंटे के शिफ्ट में डॉक्टरों और नर्सों की प्रतिनियुक्ति की गई है और इन्हें मरीजों से संबंधित वाइटल्स फाइल में दर्ज करना है। समान हालत वाले मरीजों को एक ही वार्ड में रखना है। इलाज के दौरान ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का भी प्रयोग करना है। हल्के संक्रमित मरीजों को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के माध्यम से ऑक्सीजन दिया जा सकता है। केवल गंभीर मामले में ही ऑक्सीजन सिलेंडर का प्रयोग किया जाए। जिन मरीजों में ऑक्सीजन स्तर 90 से ऊपर है और जिनकी हालत बेहतर है, उन्हें डिस्चार्ज कर देना है, ताकि बेड की उपलब्धता अन्य गंभीर मरीजों के लिए हो सके। डीएम ने कहा कि ऑक्सीजन आपूर्ति एवं सिलेंडर की उपलब्धता को देखते हुए यथासंभव गंभीर रूप से पीड़ित मरीजों को ही ऑक्सीजन सिलेंडर से ऑक्सीजन देना है। दवाओं विशेषकर रेमडेसीविर का प्रयोग भी मानक चिकित्सा प्रोटोकॉल के तहत करना है। बेहतर ढंग से चिकित्सीय सुविधाएं मरीजों को उपलब्ध करानी हैं।

डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में हुए मरीजों की मौत की समीक्षा के दौरान यह तथ्य सामने आया कि ऐसे मरीजों की भर्ती के समय ही हालत बहुत गंभीर थी एवं ऑक्सीजन का स्तर अत्यधिक निम्न था। मृत मरीजों के शव को बॉडी बैग में रखकर देने और इनके स्वजनों को दो सेट पीपीई किट अनिवार्यत: उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया।

मरीजों के स्वजनों को डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में आवाजाही करने की अनुमति नहीं है। क्लोज सर्किट टीवी एवं सुरक्षाकर्मियों के द्वारा इसकी निगरानी करनी है।

जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिया कि प्रतिदिन सुबह और शाम में फोन करके होम आइसोलेशन में रहने वालों का हाल-चाल लेना है। और होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों से गृह-भेंट करने के लिए सचल मेडिकल टीम गठित करना है। जिलाधिकारी ने सदर अस्पताल में 24 ङ्ग 7 कोविड सैंपलिग की व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया।

ज्ञातव्य हो कि डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में जिलाधिकारी द्वारा तीन शिफ्ट में पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। जो वहां की स्थिति से नियमित तौर पर जिलाधिकारी को अवगत भी कराएंगे।

जिलाधिकारी कार्यालय प्रकोष्ठ में आयोजित इस समीक्षा बैठक में उप विकास आयुक्त अभिलाषा शर्मा, सिविल सर्जन डॉ. अजय कुमार सिंह, प्रभारी पदाधिकारी गोपनीय चंदन कुमार और हेमंत कुमार आदि मौजूद थे।


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