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जिले में बढ़ रहा डेंगू का प्रभाव, सावधानी व बचाव आवश्यक

जिले में इन दिनों डेंगू का प्रभाव है। जिला मुख्यालय में एक दर्जन से अधिक डेंगू के मरीज मिले हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 08:51 PM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 08:51 PM (IST)
जिले में बढ़ रहा डेंगू का प्रभाव, सावधानी व बचाव आवश्यक
जिले में बढ़ रहा डेंगू का प्रभाव, सावधानी व बचाव आवश्यक

जागरण संवाददाता, खगड़िया : जिले में इन दिनों डेंगू का प्रभाव है। जिला मुख्यालय में एक दर्जन से अधिक डेंगू के मरीज मिले हैं। जिसे लेकर सावधानी व बचाव आवश्यक है। डेंगू एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर दिन में, खासकर सुबह में काटते हैं। डेंगू बरसात के मौसम व बाद के महीनों तक अधिक फैलता है। यह समय मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल होता है। जो जमे पानी में पनपता है। एडीज इजिप्टी मच्छर बहुत ऊंचाई तक नहीं उड़ पाता है। इससे बचाव कर डेंगू से बचा जा सकता है

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कैसे होता है डेंगू

डेंगू एडीज मच्छर के काटने से होता है। डेंगू बुखार से पीड़ित मरीज के खून में डेंगू वायरस बहुत ज्यादा मात्रा में होता है। अमूमन मच्छर के काटे जाने के करीब पांच दिनों के बाद मरीज में डेंगू बुखार के लक्षण दिखने लगते हैं।

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डेंगू के लक्षण व प्रकार

न्यू लाइफ हास्पिटल के डा. रितुराज के अनुसार डेंगू बुखार तीन प्रकार के होते हैं। जिसमें पहला क्लासिकल (साधारण) डेंगू बुखार, दूसरा डेंगू हैमरेजिक बुखार व तीसरा डेंगू शाक सिड्रोम। जिसमें दूसरे और तीसरे तरह का डेंगू सबसे ज्यादा खतरनाक होता है। साधारण डेंगू बुखार अपने आप या साधारण इलाज से ठीक हो जाता है। साधारण डेंगू बुखार में ठंड लगने के बाद अचानक तेज बुखार चढ़ना, सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना, जो आंखों को दबाने या हिलाने से और बढ़ जाता है, कमजोरी लगना, भूख न लगना और जी मितलाना, मुंह का स्वाद खराब होना, गले में हल्का-सा दर्द होना, शरीर खासकर चेहरे, गर्दन और छाती पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज होना आम लक्षण है। वहीं डेंगू हैमरेजिक बुखार में साधरण डेंगू के लक्षण के साथ नाक और मसूढ़ों से खून आना, शौच या उलटी में खून आना, स्किन पर गहरे नीले-काले रंग के छोटे या बड़े चिकत्ते पड़ जाना मुख्य लक्षण हैं। ऐसे लक्षण देखते ही फौरन चिकित्सक के पास पहुंचें। इसमें देर करना खतरनाक हो सकता है। शाक सिड्रोम डेंगू का तीसरा प्रकार है। इसमें दोनों लक्षणों के साथ-साथ शाक की अवस्था के भी कुछ लक्षण दिखाई देते हैं। जैसे मरीज का बहुत बेचैन हो जाना, तेज बुखार के बावजूद स्किन ठंडी महसूस होता है। मरीज धीरे-धीरे होश खोने लगता है। मरीज की नाड़ी कभी तेज और कभी धीरे चलने लगती है। उसका ब्लड प्रेशर एकदम लो हो जाता है। यह शाक सिड्रोम के लक्षण हो सकते हैं।

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लक्षण पर तुरंत टेस्ट कराएं

अगर तेज बुखार हो, जाइंट्स में तेज दर्द हो या शरीर पर रैशेज हों तो पहले दिन ही डेंगू का टेस्ट करा लेना चाहिए। अगर लक्षण नहीं हैं, पर तेज बुखार बना रहता है तो चिकित्सक से संपर्क करें और जांच कराएं। डेंगू की जांच के लिए शुरुआत में एंटीजन ब्लड टेस्ट एनएस वन किया जाता है। इस टेस्ट में डेंगू शुरू में ज्यादा पाजिटिव आता है, जबकि बाद में धीरे-धीरे पाजिविटी कम होने लगती है।


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